आपको बता दें कि, मूर्ति निर्माण का कार्य अभी पहले चरण में है। जाने-माने शिल्पकार भगवान रामपुरे उनके मार्गदर्शन में मूर्ति निर्माण कार्य किया जा रहा है। श्रद्धालु लिफ्ट और सीढ़ियों से दर्शन के लिए आदि गुरु के सम्मुख पहुंच सकेंगे। ओंकार पर्वत पर मूर्ति लगाने के लिए समतलीकरण का काम लगभग पूरा किया जा चुका है। इस पूरे प्रोजेक्ट पर दो हजार करोड़ खर्च होंगे, जिसका खर्च प्रदेश सरकार वहन करेगी। ओंकारेश्वर में ये ‘एकात्मता का वैश्विक केंद्र’ बन रहा है।
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तीन बार में होगा मूर्ति का निर्माण
पहले चरण में साढ़े तीन फीट की मूर्ति प्लास्टिसिन क्ले से बनाई जा रही है। इसके बाद दूसरे चरण में इसे 11 फीट की मूर्ति निर्माण की जाएगी। इन दोनों मूर्तियों के बनाने का उद्देश्य हर तरह की कमी को बारीकी से जांचना है। इसके बाद अष्टधातु से 108 फीट की मूर्ति निर्माण की जाएगी। मूर्ति पर प्रो यूरो कलर होने से बारिश और धूप का भी कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। करीब 28 हैक्टेयर जमीन में बन रहे इस स्मारक का लोकार्पण अगले साल सितंबर तक करने की प्लानिंग है। मूर्ति के अलावा इसके विशाल परिसर को एक नॉलेज सेंटर के रूप में विकसित होना है।