इसके साथ ही उन्हें प्रसन्न और संतुष्ट कर दिया था. मराठा नायक छत्रपति शिवाजी महाराज मां तुलजा भवानी के अनन्य भक्त थे. मां तुलजा भवानी उनकी आराध्य देवी थीं. जनश्रुति तो यह भी है कि शिवाजी महाराज की भक्ति से प्रसन्न मां तुलजा भवानी ने उन्हें तलवार प्रदान की थी। उसी तलवार के बल पर उन्होंने मुगलों के दांत खट्टे किए थे.
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खास बात तो यह है कि यह मंदिर भगवान श्रीराम के काल का भी माना गया है. कहा गया है कि 14 वर्ष के वनवास के दौरान श्रीराम ने सीताजी और लक्ष्मण सहित यहां तुलजा भवानी की उपासना की थी. मान्यता के अनुसार भगवान श्रीराम ने इस मंदिर में नौ दिनों तक मां तुलजा भवानी की पूजा—अर्चना की जिससे प्रसन्न होकर मां ने अस्त्र-शस्त्र के साथ विजयी होने का वरदान भी दिया था.