खंडवा

21 घंटे से कमरे में बंद थी नर्स, मकान मालिक ने पीटा दरवाजा तो खोला, फिर पता चला…

Digital Arrest: ड्रग्स सप्लाई में नाम आने का कहकर धमकाया, खाना-पीना, वॉशरूम सब बंद कराया..।

खंडवाNov 10, 2024 / 07:20 pm

Shailendra Sharma

Digital Arrest: मध्यप्रदेश के खंडवा में एक नर्स को 21 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट किए जाने का मामला सामने आया है। हालांकि राहत की बात ये है कि नर्स के साथ कोई फ्रॉड नहीं हो पाया और शातिर जालसाज का शिकार होने से बच गई। लेकिन 21 घंटों तक डिजिटल अरेस्ट कर शातिर जालसाज ने जिस तरह से नर्स को मेंटली टॉर्चर किया वो हैरान कर देने वाला है। पढ़िए पूरी खबर…

21 घंटों तक डिजिटल अरेस्ट रही नर्स

खंडवा अस्पताल में नर्स के पद पर पदस्थ कंचन उइके के पास शुक्रवार दोपहर करीब 2 बजे एक फोन आया जिसमें सामने वाले खुद को महाराष्ट्र क्राइम ब्रांच का अधकारी बताया और कंचन का नाम पद व पता सबकुछ सही बताते हुए कहा कि तुम्हारा नाम ड्रग्स सप्लाई में सामने आया है। ये बात सुनकर कंचन डर गई। इसके बाद वीडियो कॉल के जरिए शातिर ठग ने कंचन को उसके ही कमरे में मोबाइल के सामने डिजिटल अरेस्ट कर लिया।

शातिर ने बनाया थाने का सैटअप

नर्स कंचन को डिजिटल अरेस्ट करने वाला शातिर ठग इतना शातिर था कि उसने पूरा थाने का सैटअप बना रखा था। उसने धमकाते हुए कहा कि राजेश गोयल को जो अवैध सामान सप्लाई किया था वो पकड़ा जा चुका है और उसमें तुम्हारा आधार कार्ड इस्तेमाल हुआ है। पुलिस अधिकारी बनकर बात कर रहे ठग ने धमकी दी कि कुछ करने की कोशिश की या किसी को बताया या फिर मोबाइल की स्क्रीन से गायब हुईं तो धाराएं बढ़ाई जाएंगी और तुम्हारे परिवार वालों को भी गिरफ्तार किया जाएगा। फर्जी अधिकारी ने पानी पीने यहां तक की वॉशरूम तक नहीं जाने दिया।

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मकान मालिक ने पीटा दरवाजा

कंचन शुक्रवार दोपहर करीब 2 बजे के कमरे में थी और उसने जब शनिवार को सुबह 11 बजे तक दरवाजा नहीं खोला तो मकान मालिक और परिजन ने उसके कमरे का दरवाजा पीटना शुरू किया। बार बार दरवाजा पीटने के कारण कंचन ने हिम्मत करके दरवाजा खोला और रोते हुए पूरी बात सभी को बताई। जिसके बाद परिजन उसे थाने लेकर पहुंचे और शिकायत दर्ज कराई। अच्छी बात ये रही कि नर्स डिजिटल अरेस्ट तो हुई लेकिन शातिर जालसाज उससे रूपए नहीं ले पाए। खंडवा एसपी मनोज कुमार ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं और आम जनता से भी सजग रहने की अपील करते हुए कहा है कि पुलिस कभी भी डिजिटल अरेस्ट नहीं करती है। इस प्रकार के फोन या वीडियो कॉल्स फ्रॉड होते हैं जिनके झांसे में न आएं।

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