पुलिस ने बताया कि महिला के साथ वारदात 7 दिसंबर को हुई, वह तीन दिन तक अवसाद में रही। उसके बाद खंडवा में तैनात रह चुकी इंदौर की एसीपी सीमा अलावा को जानकारी दी। अलावा की सलाह पर महिला ने साइबर सेल में इसकी शिकायत शुक्रवार को दर्ज करवाई। महिला ने पुलिस को दिए शिकायती आवेदन में बताया कि उसके पास सुबह करीब 11 बजे फोन आया। उसमें कहा गया कि आप के नंबर से बुक पार्सल आगे नहीं पहुंचाया जा सकता है, उस पार्सल में संदिग्ध वस्तु मिली है। रिकॉर्डेड फोन करने वाले ने बताया कि कि इस मामले में कस्टमर केयर से बात करने के लिए दो दबाएं। महिला ने कोई रिप्लाई नहीं किया तो दूसरी बार फोन आया। इस बार महिला ने दो नंबर दबा दिए। इस पर बात करने वाले ने बताया कि आपने दिल्ली से बैंकाक के लिए पार्सल बुक किया है। इसमें अवैध सामान मिला है। महिला ने इनकार किया तो उसका आधार नंबर बताते हुए कहा गया कि आपके नाम से ही बुकिंग है। इसकी रिपोर्ट दिल्ली सायबर सेल में करनी होगी। इसके बाद उसने कॉल को दूसरे नंबर पर ट्रांसफर कर दिया।
कॉल दिल्ली सायबर सेल को ट्रांसफर किया
कॉल ट्रांसफर होने के बाद उन्होंने महिला को स्पष्टीकरण देने के लिए स्काई एप पर आने के लिए कहा। इस दौरान महिला को एक बार भी कॉल कट करने नहीं दिया, और कथित रूप डिजीटल अरेस्ट रखा। उसने मुझसे आधार कार्ड की फोटो ली। उसने कहा कि मेरे आधार कार्ड का इस्तेमाल कर चार अलग-अलग बैंकों में खाते खोले गए हैं। इन खातों से मनी लॉड्रिग हुई है। उन्होंने मुझे खूब डराया, धमकाया और इस अपराध से नाम हटाने के लिए आगे की जांच में सहयोग के लिए कहा।सॉफ्टवेयर से पर्सनल अकाउंट बना रुपए डलवाए
अगले दिन फोन कर मुझे कहा गया कि स्कैम से निकलना है आरबीआइ के एसएस साफ्टवेयर में रुपए डालो। मुझे कहा गया कि मेरा पूरा पैसा मुझे अगली सुबह 9 बजे लौटा दिया जाएगा। इस तरह से अलग-अलग ट्रांजेक्शन से 3.12 लाख रुपए ट्रांसफर करवा लिए। पुलिस कभी भी डिजिटल अरेस्ट नहीं करती है महिला के साथ कुछ दिन पहले यह घटना घटी है। महिला की शिकायत के आधार पर जांच करवा रहे हैं। लोगों से अपील है कि इस तरह से किसी से भी अनजान नंबर पर बात न करें। पुलिस कभी डिजिटल अरेस्ट नहीं करती है, जागरूक रहें। – मनोज कुमार राय, पुलिस अधीक्षक