छत्तीसगढ़ में है धरती का नागलोक, जहां एक साथ देखने मिलेंगे सांपों की 70 से ज्यादा प्रजातियां
11वीं सदी में नागवंशी राजाओं ने भोरमदेव मंदिर (bhoramdeo temple) का निर्माण करवाया था। उस समय नागवंशी राजा तंत्र मंत्रों का अभ्यास किया करते थे। जिसकी छवि मंदिर की दीवारों में की गई नक्काशी में दिखाई देती है।
भोरमदेव मंदिर के पास ही मौजूद हैं मंडवा महल, जिसे शादी के मंडप की तरह बनाया गया है। इसलिए इसका नाम मंडवा महल पड़ा। इस मंदिर को नागवंशी राजा रामचंद्र देव और उनकी रानी राजकुमारी अंबिका देवी की शादी के लिए बनाया गया था। मंडवा महल का निर्माण 3049ई. में हुआ माना जाता है।
भोरमदेव मंदिर (bhoramdeo temple) और मंडवा महल के पास ही मौजूद है छेरकी महल। 14वीं शताब्दी में बना एक शिव मंदिर है। इस मंदिर के मुख्य द्वार पर चतुभुर्ज गणेश, शिव, पार्वती और नंदी की ,खुबसूरत नक्काशियां बनी हुई है।