कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट तक पहुंच गए। इसके बाद लगा कि मामला शांत हो गया, लेकिन पुलिस ने शाम को 20 से 25 कार्यकर्ताओं उठा लिया और उन्हें कोतवाली थाने ले गई। वहीं शाम को संघ के कार्यालय में पहुंचकर कुछ और कार्यकर्ताओं को उठा लिया। सभी को थाने ले जाकर एफआईआर दर्ज कर दिया गया। इस पर अभाविप के कार्यकर्ता कोतवाली पहुंचे लेकिन पुलिस ने अंदर ही नहीं जाने दिया। इसके बाद भाजपा और भाजयुमो पदाधिकारी पहुंचे। सांसद संतोष पाण्डेय भी थाना पहुंचे और कोतवाली पुलिस को जमकर खरी खोटी सुनाया। इसके बाद भी अभाविप कार्यकर्ताओं को रिहाई नहीं हुई। देर रात तक अभाविप, भाजपा और भाजयुमो कार्यकर्ता थाने के सामने ही धरने पर बैठ गए। पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
गांधी मैदान में किया धरना प्रदर्शन
दूसरे दिन रविवार को अभाविप कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के विरोध में भाजपा ने गांधी मैदान में धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान सांसद संतोष पाण्डेय, पूर्व सांसद अभिषेक सिंह, जिला भाजपा, भाजयुमो के पदाधिकारी बड़ी संख्या में मौजूद रहे।
दूसरे दिन रविवार को अभाविप कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के विरोध में भाजपा ने गांधी मैदान में धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान सांसद संतोष पाण्डेय, पूर्व सांसद अभिषेक सिंह, जिला भाजपा, भाजयुमो के पदाधिकारी बड़ी संख्या में मौजूद रहे।
यह रहा मामला
मुख्य रूप से मामला एक आदिवासी बालिका से सामूहिक बलात्कार को लेकर रहा। मामले में पहले बालिका ने बयान दिया कि उसक साथ चार लड़कों ने बलात्कार किया, लेकिन दो दिन बाद डर के चलते बालिका ने बयान बदल दिया कि एक ही लडक़ा था। इस पर सांसद और भाजपाईयो ने पुन:जांच की मांग की। नए सिरे से जांच में चार और आरोपी सामने आए। इस तरह से पुलिस पर सवाल उठे। इस मामले को लेकर ही अभाविप ने एसपी के निलंबन को लेकर कलेक्ट्रेट का शनिवार को घेराव किया। जिसके बाद कार्यकर्ताओं को जबरन घर से उठा लिया गया।
मुख्य रूप से मामला एक आदिवासी बालिका से सामूहिक बलात्कार को लेकर रहा। मामले में पहले बालिका ने बयान दिया कि उसक साथ चार लड़कों ने बलात्कार किया, लेकिन दो दिन बाद डर के चलते बालिका ने बयान बदल दिया कि एक ही लडक़ा था। इस पर सांसद और भाजपाईयो ने पुन:जांच की मांग की। नए सिरे से जांच में चार और आरोपी सामने आए। इस तरह से पुलिस पर सवाल उठे। इस मामले को लेकर ही अभाविप ने एसपी के निलंबन को लेकर कलेक्ट्रेट का शनिवार को घेराव किया। जिसके बाद कार्यकर्ताओं को जबरन घर से उठा लिया गया।