यह भी पढ़ें: PM Awas Yojana: पीएम आवास योजना के हितग्राहियों के लिए ऋण मेला, इन दस्तावेजों के साथ पहुंचे कार्यालय जहां वर्ष 2019 में बिन्दा बाई पिता लक्षमण के नाम से आवास स्वीकृत हुआ जिसकी पहली किस्त 25 हजार रुपये जारी कर हितग्राही को आवास बनाने आदेश दिया गया। लेकिन हितग्राही के द्वारा अपने अकेले पन का हवाला देते हुए गांव में आवास नहीं बनवाया और अपने दामाद के गांव पलायन कर लिए. इधर जनपद पंचायत के जिम्मेदार अधिकारी फर्जी तरीके से फोटो अपलोड कर पूरी राशि एक लाख तीस हजार रुपये हितग्राही के बैंक खाते में जमा करा दिए।
दूसरी ओर ग्राम पंचायत के द्वारा इसका विरोध किया गया और किसी प्रकार से अन्य पंचायत में आवास बनाने अनुमति नहीं दी गई। सरपंच पति का कहना है हितग्राही के द्वारा किसी प्रकार से आवास नहीं बनाया गया है और अन्य ग्राम पंचायत में पलायन कर अपने दामाद के घर रह रही है। इस संबंध में सीईओ को जानकारी दिया गया लेकिन आवास शाखा के अधिकारी मनमानी पूर्वक हितग्राही को राशि जारी किया।
उक्त आवास निर्माण में मनरेगा योजना के तहत 95 दिवस का मजदूरी उपलब्ध कराने का प्रावधान है, जिसके सबंध मे ग्राम पंचायत के रोजगार सहायक ने बताया हितग्राही के द्वारा स्वीकृति स्थान पर आवास निर्माण नहीं कराया गया और इसकी जानकारी भी नहीं दिया गया। इस वजह से मस्टररोल जारी नहीं किया गया। इससे स्पष्ट है अधिकारी हितग्राही से साठगांठ कर राशि आहरण कराये है। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री आवास के ब्लॉक समन्यवयक के द्वारा हितग्राही के आवास की जगह जनपद पंचायत परिसर में बने सभा कक्ष का फोटो अपलोड कर अंतिम राशि जारी कर दिए।