यह भी पढ़ें: Fake cheese making: नकली पनीर बनाने की फैक्ट्री सील, एसडीएम के साथ खाद्य विभाग की टीम ने दी दबिश दरअसल पटवारी द्वारा पर्ची बनाने के नाम पर किसान से घूस की मांग किए जाने का ऑडियो को लेकर एबीवीपी के कार्यकर्ता एसडीएम कार्यालय पंडरिया पहुंचे थे। जहां तुरंत कार्रवाई की मांग किया गया। तब एसडीएम ने उन्हें समझाते हुए कहा कि पहले जांच की जाएगी, उसके बाद कार्रवाई होगी, बंदूक के नोक पर फैसला नहीं होता है। उन्हें उनका काम करने दिया जाए, लेकिन कार्यकर्ता नहीं माने और दोपहर से लेकर देर शाम तक धरने पर बैठे रहे। आखिर में दरी व अलाव जलाने लगे, जिससे एसडीएम संदीप ठाकुर बिफ र गए। पुलिसवालों पर भी जमकर भड़ास निकाली। इसके बाद कार्यकर्ता भी नाराज होकर बहस करने लगे और देखते ही देखते विवाद बढ़ गया।
अभाविप के प्रदेश सहमंत्री तुषार चन्द्रवंशी ने बताया कि मामले के घंटों बीत जाने के बाद भी अधिकारी द्वारा विद्यार्थियों का सुध लेने नहीं पहुंचे। जब घटना की जानकारी कलेक्टर को हुई तो अधिकारी अपने कक्ष से बाहर आकर सीधे शांतिपूर्ण बैठे विद्यार्थियों से गाली गलौज करते हुए मारपीट करना प्रारंभ कर देते हैं। फिर भी विद्यार्थी न्याय के लिए वहां डंटे रहते हैं। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व धमकाते हुए वहां से चले गए। उनके चले जाने के बाद भी विद्यार्थी बैठे रहे। वहीं पर खाना भी खाए। एक बार फि र कलेक्टर से न्याय की गुहार लगाई गई। रात में कलेक्टर द्वारा मामले की निष्पक्ष जांच व दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया गया, जब जाकर अभाविप के कार्यकर्ताओं ने आंदोलन समाप्त किया।
एक और शिकायत
हल्का पटवारी 10 योगेश कुमार धुर्वे के खिलाफ शिकायत हुई है। ग्राम रेंगाबोड गिरदावरी में भ्रष्टाचार करने के नियत से कुछ किसानों को धान बोना बताना और अन्य किसानों फसलों को निरंक बताना। राहर को धान बताना, कुछ खसरे का विलुप्त होना फिर भी धान बोना बताना और ठीक उसी तरह की खसरे को निरंक दर्शाना किसानों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। इसकी शिकायत की गई। शिकायत में बताया गया कि सीधा-सीधा कहा जाए तो मुंह मांगा रकम न मिलने के कारण गड़बड़ी किया जाता है। जो रुपए देते हैं उनका धान दर्शाना और नहीं देने पर निरंक कर दिया जाता है। इससे स्पष्ट होता है कि पटवारी गिरदावरी में हेराफेरी कर किसानों से अवैध धन उगाही करने में लगे रहते हैं। शिकायतकर्ता ने कलेक्टर व पंडरिया विधायक से किसानों के साथ अहित और दर दर भटकने पर मजबूर करने वाले पटवारी को निलंबित कर उनके सभी हल्का में गिरदावरी की जांच कराए जाने की मांग किया है। पांडातराई महाविद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थी व अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इकाई पांडातराई के प्रमुख कार्यकर्ताओं ने जाति निवास व आय प्रमाण पत्र में पटवारी प्रतिवेदन पर हस्ताक्षर के नाम पर पटवारी द्वारा रिश्वत लेने की सूचना मिली थी। जिसकी जानकारी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पंडरिया को दिया गया। परन्तु अधिकारी ने विद्यार्थियों की आवाज को अनसुना करते हुए उल्टा विद्यार्थियों को ही धमकाना शुरू कर दिए। जैसे तैसे करके विद्यार्थी वहां से बाहर आएं पुन: अभाविप कार्यकर्ताओं को एक शिकायत ऑडियो के साथ प्राप्त होती है, जिसकी प्रति शिकायत के साथ अनुविभागीय अधिकारी को प्रेषित कर वहीं बाहर मैदान में बैठकर अधिकारी के जवाब का इंतजार करते रहे।