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अक्षय तृतीया के दिन शादियों के मुहूर्त में लगा ग्रहण ! सभी मांगलिक कार्यों पर लगा रोक, नहीं बजेगी शहनाई

ज्योतिषाचार्यों की मानें तो 61 साल के बाद ऐसा संयोग बन रहा है जब अक्षय तृतीया पर विवाह समेत अन्य मांगलिक कार्य नहीं किया जा सकेगा।

कवर्धाApr 30, 2024 / 12:04 pm

Kanakdurga jha

Akshay Tritiya Festival 2023: इस साल अक्षय तृतीया 10 मई को है। हर साल इस अबूझ मुहूर्त में ढेरों शादियां होती हैं लेकिन इस साल शुक्र ग्रह के अस्त होने के कारण शादी का एक भी मुहूर्त नहीं है। ज्योतिषाचार्यों की मानें तो 61 साल के बाद ऐसा संयोग बन रहा है जब अक्षय तृतीया पर विवाह समेत अन्य मांगलिक कार्य नहीं किया जा सकेगा। विवाह के लिए 28 जून को शुक्र ग्रह उदय होगा। इसके बाद ही विवाह के लिए मुहूर्त निकलेगा।
इधर विवाह के लिए मुहूर्त नहीं होने से जिनकी सगाई तय हो चुकी है उन्हें मांगलिक कार्यों के लिए लंबा इंतजार करना पड़ेगा। ज्योतिषाचार्य के अनुसार अप्रैल में 18 से 26 तक ही विवाह के लिए मुहूर्त है। एक मई से शुक्र ग्रह अस्त हो रहा है जो कि 2 जुलाई को पश्चिम दिशा में उदय होगा। इसी तरह 7 मई को गुरू ग्रह अस्त हो रहा है जो कि 1 जून को उदय होगा।
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गुरु और शुक्र दाम्पत्य जीवन का आधार

शास्त्र के अनुसार विवाह सहित अन्य मांगलिक कार्यों के लिए इन ग्रहों का उदयमान रहना अनिवार्य है। जबकि अक्षय तृतीया 10 मई को मनाया जाएगा। गुरू और शुक्र ग्रह को दाम्पत्य जीवन का आधार माना गया है। इन दोनों ग्रहों के अस्त होने से विवाह सहित मांगलिक कार्य नहीं हो पाएंगे। यह स्थिति करीब 61 वर्ष बाद बन रही है जब अक्षय तृतीया पर विवाह के मुहूर्त नहीं है, जबकि इस दिन को स्वयंसिद्ध अबूझ मुहूर्त माना गया है।
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जुलाई में भी तीन मुहूर्त

पंडित चंद्रकिरण तिवारी ने बताया कि अक्षय तृतीया पर विवाह के मुहूर्त नहीं है। देव पंचांग के अनुसार विवाह सहित अन्य मांगलिक कार्य के लिए जुलाई में 9, 11 और 12 तारीख को शुभ मुहूर्त हैं। इन तिथियों में विवाह किए जा सकेंगे। इसके बाद विवाह के लिए फिर से लोगों को तीन माह का इंतजार करना होगा। नवंबर में 22, 23 और 27 तारीख को विवाह के लिए शुभ मुहूर्त हैं। इसके बाद दिसंबर महीने से विवाह के लिए कई शुभ मुहूर्त बन रहे हैं। धर्म शास्त्रों में अक्षय तृतीया को स्वयंसिद्ध अबूझ मुहूर्त माना गया है। इस दिन माता अन्नापूर्णा, भगवान लक्ष्मीनारायण की विशेष पूजा-अर्चना का विधान बताया गया है। इस दिन महानदी सहित त्रिवेणी संगम में सुबह पुण्य स्नान करने की मान्यता है।

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