Breaking: लोकसभा चुनाव के बीच बड़ा उलटफेर, कांग्रेस के दिग्गज नेता भाजपा में होंगे शामिल, सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ छोड़ी पार्टी
Chhattisgarh Lok Sabha Election 2024: वर्ष 1998 में यहां से दुर्ग के कांग्रेस नेता, पूर्व राज्यपाल व पूर्व मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा सांसद बने। उनका कार्यकाल ज्यादा नहीं रहा। करीब 13 महीने बाद फिर से 1999 में लोकसभा चुनाव हुआ और वे फिर मैदान में उतरे। उनके मुकाबले भाजपा ने करीब छह महीने पहले कवर्धा विधानसभा का चुनाव हारने वाले डॉ. रमन सिंह को टिकट दिया। राजनीतिक गलियारों में चर्चा थी कि वोरा को इस चुनाव में भाजपा ने वॉक ओवर दे दिया है लेकिन जनता ने रमन पर भरोसा जताया और वोरा को आश्चर्यजनक हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद तो वे चुनावी राजनीति से दूर ही चले गए।
BJP Plans For Lok Sabha Election 2024: कांग्रेस को वर्ष 2009 में देश की जनता का आशीर्वाद तो मिला और सरकार भी बन गई लेकिन राजनांदगांव में फिर एक बड़ा उलटफेर हुआ। कांग्रेस के मौजूदा सांसद देवव्रत सिंह यहां से चुनाव हार गए। उनको उस समय के मेयर मधुसूदन यादव ने अच्छे खासे वोट के अंतर से पराजित किया। यह एक दौर का बदलाव साबित हुआ।
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वर्ष 1999 में हुए लोकसभा चुनाव में राजनांदगांव संसदीय क्षेत्र में कुल 10 लाख 16 हजार 713 वोटर थे। इसमें से 5 लाख 91 हजार 992 मतदाताओं ने वोटिंग की थी। डॉ. रमन सिंह को कुल 51.46 प्रतिशत मतलब 3 लाख 4611 वोट मिले, जबकि मोतीलाल वोरा को 46.94 प्रतिशत यानी 2 लाख 77 हजार 896 वोट मिले। डॉ. सिंह ने 26 हजार 715 वोटों से जीत दर्ज की थी। बाद में छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद वर्ष 2003 में एक संयोग यह हुआ कि पूर्व मुख्यमंत्री वोरा को हराने वाले डॉ. रमन सिंह ही छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बने।