Prashant Sahu Death Case: युवक की जिला जेल में मौत
लोहारीडीह गांव का माहौल शांत हो गया है। पुलिस आरोपियों की धरपकड़ कर रही है जो गांव छोड़कर फरार हो चुके थे। पुलिस को लगता है कि वे इस घटनाक्रम में शामिल रहे हैं उन्हें ढूंढकर गिरफ्तार किया जा रहा है और जेल भेज रहे हैं। जैसे ही लगा कि प्रकरण अब शांत हो चुका है तो एक और मौत हो गई, जिसने पुलिस प्रशासन और जेल प्रशासन के कान खड़े कर दिए। दरअसल बुधवार की सुबह जिला जेल में बंद आरोपी प्रशांत साहू की मौत की खबर आती है, जिसे उपचार के लिए जिला अस्पताल लाया गया था जिसकी जांच के बाद डॉक्टर उसे मृत घोषित कर दिया। प्रशांत पिता संतू साहू(27) की मौत कैसे हुई ये तो पीएम रिपोर्ट में साफ हो पाएगी। लेकिन मृतक के भाई परमेश्वर साहू व परिजन इसे पुलिस की पिटाई से मौत होने का आरोप लगा रहा है।
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वहीं आरोपी की मौत सुबह हो चुकी थी लेकिन शाम 5 बजे तक पोस्टमार्टम नहीं कराया जा सका, क्योंकि उनके रिश्तेदारों को नहीं लगा जा रहा था। 5 बजे के बाद मृतक के भाई और रिश्तेदार को लगा गया तब कहीं जाकर पंचमाना हो सका। इसके बाद पोस्टमार्टम को लेकर भी लेट लतीफी हुई। परिजन मृतक के अन्य दो भाई और उसकी मां को बुलाने की मांग करने लगे जो जेल भी बंद हैं। इसके पूर्व पंचनामा पर हस्ताक्षर करने से भी आना करने लगे। परिजनों ने मांग रखी कि मामले की जांच होनी चाहिए कि प्रशांत की मौत कैसे हुई।भूपेश बघेल बोले- पुलिस पिटाई से मौत हो गई
Bhupesh Baghel: पूर्व सीएम पहुंचे लोहारीडीह
वहीं मंगलवार को प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पूरे घटनाक्रम को राजनीतिक रंग देते नजर आए। उन्होंने लोहारीडीह गांव का दौरा किया। मृतक उपसरपंच के जले हुए घर का निरीक्षण किया। साथ ही दूसरे पक्ष के मृतक शिवप्रसाद साहू के घर जाकर परिजनों से मुलाकात की। उनके साथ में कांग्रेस द्वारा जांच के लिए गठित पांच विधायकों की टीम भी रही, जो अपनी रिपोर्ट प्रदेशाध्यक्ष को सौंपेंगे। मीडिया से बात करते हुए भूपेश बघेल ने कहा कि किसी मृत व्यक्ति के बारे में कुछ गलत कहना अच्छा नहीं लगता है, लेकिन जिसे जलाकर मारे हैं उस व्यक्ति के बारे में कोई अच्छा नहीं बता रहा है। उसके खिलाफ कई तरह की शिकायत थी। जमीन का विवाद था। गांव के लोगों से कई मामलों को लेकर दुश्मनी चल रही थी, लेकिन पुलिस ने समय रहते जांच नहीं की, जिसके चलते लोगों ने इतना बड़ा कदम उठाया।
राज्य सरकार भी जबरदस्ती बुलडोजर चला कर न्याय करने की बात कहती है लोग भी उसी से सीख रहे हैं। पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने इस पूरे घटनाक्रम के लिए पुलिस प्रशासन दोषी हैं, जिनके सामने आगजनी की घटना हुई। पुलिस चाहती तो घटना को रोक सकती थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। एसपी तो रील मास्टर है। एक-एक चीज का वीडियो बनाते हैं इसका वीडियो क्यों नहीं बनाए।
पुलिस की कार्रवाई सही नहीं है। चून-चूनकर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर रहे हैं। जैसा बलौदाबाजार मामले में किए थे। यहां के एसपी को सुर्खियों में बना रहना पसंद है, जो साधराम यादव के हत्यारों का कनेक्शन आंतकियों से जोड़ दिया था। घटना को नौ माह हो रहा है कुछ साबित कर पाए हैं। पुलिस समय पर अपना काम करती तो लोहारीडीह में ऐसा मंजर देखने को नहीं मिलता।