पिछले वर्ष अप्रैल से जिला अस्पताल का सोनोग्राफी बंद था। सोनोग्राफी को ऑपरेट करने के लिए रेडियालॉजिस्ट नहीं होने के कारण यह डेढ़ साल तक बंद ही रहा। अभी कुछ दिनों से सीएमएचओ डॉ.केके गजभिये ने इसमें सार्थक पहल की। उन्होंने पंडरिया से एक चिकित्सक को लाए। इन्हें अनुभव के आधार पर फिलहाल सोनोग्राफी की जिम्मेदारी दे दी। इससे गर्भवती महिलाओं को काफी राहत है। क्योंकि जिला अस्पताल में गर्भवती महिलाओं की सोनोग्राफी मुफ्त में होता है। जबकि निजी अस्पताल में इसके लिए 600 से 800 रुपए तक खर्च पड़ते हैं। डेढ़ साल तक हर माह करीब 400 से अधिक गर्भवती महिलाएं जिला अस्पताल सोनोग्राफी के लिए पहुंचते थे, लेकिन सुविधा नहीं होने के कारण उन्हें निजी अस्पताल की ओर रुख करना पड़ता था। इससे अब छुटकारा मिल गया।
जिला अस्पताल कवर्धा के प्रभारी सिविल सर्जन, डॉ. एसआर चुरेन्द्र ने बताया सोनोग्राफी शुरू हो चुकी है। इससे सभी को लाभ मिल रहा है। वहीं अस्थि रोग विशेषज्ञ एक माह से बैठ रहे हैं। विकलांगता प्रमाण पत्र भी जारी किया जा रहा है। कल ही एक स्त्री रोग विशेषज्ञ की नियुक्ति जिला अस्पताल में हुई। अब केवल यहां कुछ मेडिकल ऑफिसर की आवश्यकता है।