इधर छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह (Dr.Raman singh) 10 अक्टूबर को कवर्धा गए थे। कवर्धा रवाना होने से पहले पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, कवर्धा को शांति का टापू कहा जाता है, ऐसी जगह पर इस तरह की परिस्थिति क्यों निर्मित हुई? कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद कवर्धा में विस्फोटक जैसी स्थिति निर्मित हुई, वहां धारा 144 कभी भी नहीं लगाई गई थी। लोगों से इस बात की जानकारी लेने की कोशिश करूंगा। घटना की वजह जानने का प्रयास करूंगा कि ऐसी परिस्थितियां निर्मित क्यों हो रही।
रमन सिंह ने कहा, मंत्रियों के दबाव में प्रशासन निर्णय नहीं ले रही है, एफआईआर करने में 48 घंटे लग जाते हैं। उसके बाद भी एकतरफा कार्रवाई हो रही है। 100 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तार कर ये समाज के समाज को क्या दिखाना चाहते हैं। क्या कवर्धा के लोगों को धमकाकर, कवर्धा जिले को बंधक बनाकर शांति स्थापित हो सकती है? मामले में न्यायिक जांच की जरूरत है, दोनों पक्षों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
पूर्व सांसद अभिषेक सिंह और सांसद संतोष पाण्डेय पर लगे आरोपों पर रमन सिंह कहा, कांग्रेसियों की जबान में जो बातें आ रही है, वह यही बता रही है कि इस घटना को राजनीतिक मोड़ देने की कोशिश हो रही है। राजनीति करते करते 3 साल में इन्होंने कवर्धा को जला डाला। मैं चाहता हूं कि कवर्धा में शांति स्थापित हो। कांग्रेस में इस तरह की मानसिकता पनप रही जिसे शांत होना चाहिए।