गजानंद दुर्गा प्रतिमा बनाने के लिए पूरे प्रदेश में प्रसिद्ध थे। दूर-दूर तक उनके मूर्ति की मांग रहती थी। सबसे खास बात कि वे गिनती के प्रतिमा बनाते हैं और वो जीवंत होती थी। गर्मी के दिनों से ही वे क्वांर नवरात्रि के लिए प्रतिमा बनाना शुरू कर देते थे। डिमांड इतनी रहती थी कि वे पूर्ति नहीं कर पाते थे। कोई भी मूर्ति को देख के बता सकता था कि इतनी बारीक, साफ महीन कारीगरी गंजानंद कुंभकार की ही हो सकती है। जिले सहित प्रदेश ने एक नायाब मूर्तिकार असमय ही खो दिया, जिसका नगरवासियों को बेहद दु:ख पहुंचा है।
छत्तीसगढ़ माटी कला बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष गजानंद कुंभकार की संदिग्ध परिस्थिति में मौत से शहर में हड़कंप मच गया है। आत्महत्या जैसी बात किसी के गले से नहीं उतर रही है। इस मामले में पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है। वहीं परिजनों से भी पुलिस पूछताछ कर सकती है।