Vijay Sharma on Kanwar Yatra: उपमुख्यमंत्री भगवा झंडा लेकर कवर्धा से भोरमदेव मंदिर तक पद यात्रा की शुरूआत की। विजय शर्मा ने नियमों के अनुसार शहर के बुढ़ा महादेव में श्रद्धालुओं के साथ पूजा अर्चना की। इसके बाद भोरमदेव मंदिर के लिए पद यात्रा की शुरुआत की। बता दें कि लगभग 18 किलोमीटर की पद यात्रा के बाद उप मुख्यमंत्री भोरमदेव मंदिर पहुंचेंगे। इससे पहले पंचमुखी बूढ़ा महादेव का विशेष पूजा-अर्चना कर छत्तीसगढ़ प्रदेश की खुशहाली और समृद्धि के लिए कामना की।
CG Kanwar Yatra: कलेक्टर ने एक दिन पहले व्यवस्थाओं को किया निरीक्षण
कलेक्टर जनमेजय महोबे ने कवर्धा के प्रचीन बूढा महादेव मंदिर से भोरमदेव मंदिर तक होने वाले पदयात्रा की तैयारियों का निरीक्षण किया। कलेक्टर ने जिला पंचायत सीईओ, मुख्य चिकित्सा एवं अधिकारी, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, पुलिस और जनपद पंचायतों के सीईओ को स्वास्थ्य सहित अन्य मूलभूत सुविधाएं व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए हैं। यह भी पढ़ें
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18 किलोमीटर की तक होगी पदयात्रा
छत्तीसगढ़ के खजुराहो के नाम से प्रसिद्ध भोरमदेव मंदिर के लिए पदयात्रा की शुरुआत बुढ़ा महादेव मंदिर से होती है। 18 किलोमीटर की यह पदयात्रा होती है। सदियों से चली आ रही यह पदयात्रा प्रशासनिक तौर पर आमजनों के सहयोग से कवर्धा के बुढ़ा महादेव मंदिर से 2008 से अनवरत जारी है। श्रद्धालुओं व पदयात्रियों के जन स्वास्थ्य सुविधा व विश्राम के लिए अन्य व्यवस्था भी जिला प्रशासन द्वारा की गई है। उपमुख्यमंत्री के मंशानुरूप कलेक्टर जनमेजय महोबे के निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा इस पदयात्रा और पदयात्रा में शामिल होने वाले भक्तों के लिए स्वास्थ्य सहित अन्य सुविधाएं की तैयारियां पूरी कर ली गई है।
साथ ही जिले से बाहर से आने वाले पदयात्रियों के लिए रोड़ मैप भी तैयार किया गया है। सपूर्ण पदयात्रा के लिए डीजे साउंड बाक्स और स्वास्थ्य विभाग का चलित एबुलेंस रहेगा। श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य परीक्षण की व्यवस्था किया गया है। वन विभाग द्वारा पौधारोपण कराया जाएगा।
नि:शुल्क भंडारा और प्रसादी का होगा वितरण
सावन माह को शिव अराधना का महापर्व कहा जाता है। हरसाल की तरह इस बार भी सावन माह के प्रत्येक सोमवार को भोरमदेव मंदिर में कांवरियों और श्रद्धालुओं के लिए नि:शुल्क भंडारा और प्रसादी वितरण किया जाएगा। ज्वाइन हैंड्स ग्रुप की ओर से यह नि:शुल्क भंडारा लगाया जाएगा। यहां श्रद्धालुओं को भरपेट नि:शुल्क भोजन मिलेगा साथ ही व्रतधारियों के लिए फलाहार की व्यवस्था भी रहेगी।21 जुलाई 2008 को प्रारंभ हुई पदयात्रा
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए गर्भगृह से भगवान के लाईव दर्शन के लिए एलईडी की व्यवस्था की गई है। जिस प्रवेश द्वार पर महिला व पुरूष का स्थान रखा गया है। उस द्वार का उपयोग कर भगवान भोलेनाथ का दर्शन करने के लिए किया जाएगा। श्रावण मास भूतभावन महादेव का सबसे प्रिय माह है। इस माह में सपूर्ण भारतवर्ष शिवमय होकर बोल बम के जयकारे से गूंजने लगता है। विश्व का अद्भुत शिवलिंग सर्व मनोकामना पूर्ण करने वाले ‘पंचमुखी बूढ़ा महादेव’ वर्षों से श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र बना हुआ है। हजारों शिव भक्त दूर दूर से कांवर लेकर जल चढ़ाने बूढ़ा महादेव कवर्धा और भोरमदेव आते हैं।
इसे देखते हुए तत्कालीन कलेक्टर सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी की पहल पर भोरमदेव तीर्थकारिणी प्रबंध समिति और नगर के गणमान्य नागरिकों के सहयोग से श्रावण माह के प्रथम सोमवार को बूढ़ा महादेव से भोरमदेव तक पदयात्रा प्रारभ करने का निर्णय लिया गया और पहली बार 21 जुलाई 2008 को बूढ़ा महादेव की पूजन पश्चात पदयात्रा को स्व. विघ्नहरण सिंह, कलेक्टर सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने झंडी दिखाई और इस तरह बाजे गाजे और बोल बम, जय बूढ़ा महादेव के उद्घोष के साथ प्रथम पद यात्रा प्रारभ हुई।