कवर्धा

कवर्धा हिंसा पर गरमाई राजनीति, सरकार के तीन मंत्रियों ने भाजपा को ठहराया जिम्मेदार, कहा प्रायोजित थी पूरी घटना

Kawardha violence Case: यह भाजपा द्वारा प्रायोजित घटना है। छत्तीसगढ़ की जनता उन्हें माफ नहीं करेगी। मुद्दा विहीन होने के कारण वे इस तरह से काम कर रहे हैं। आज उन सभी वीडियो फुटेज को मीडिया को दिया जाएगा।

कवर्धाOct 09, 2021 / 05:20 pm

Dakshi Sahu

कवर्धा हिंसा पर गरमाई राजनीति, सरकार के तीन मंत्रियों ने भाजपा को ठहराया जिम्मेदार, कहा प्रायोजित थी पूरी घटना

कवर्धा. कबीरधाम जिले के कवर्धा शहर में 3 और 5 अक्टूबर को हुई दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प के लिए छत्तीसगढ़ सरकार के तीन मंत्रियों ने प्रदेश की भाजपा (CG BJP) को जिम्मेदार ठहराया है। शनिवार को मंत्री रविन्द्र चौबे, मोहम्मद अकबर और प्रेमसाय सिंह टेकाम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस लिया। जिसमें कृषि मंत्री चौबे ने कहा कि कवर्धा को लेकर सभी के बीच चर्चा हो रही है। यह शांति का टापू है। एक ध्वज को उतारने और 2 लोगों की आपसी लड़ाई को जो रूप दिया गया वह दु:खद है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) ने निर्देश दिया है, वीडियो फुटेज में जो भी दिखाई दे रहा है उन पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। हिंसा की एक रात पहले वहां के स्कूलों में कुछ लोगों को क्यों ठहराया गया था, क्यों आए थे किनके बुलावे पर आए थे। उसे चिन्हित करना ज़रूरी है। यह भाजपा द्वारा प्रायोजित घटना है। छत्तीसगढ़ की जनता उन्हें माफ नहीं करेगी। मुद्दा विहीन होने के कारण वे इस तरह से काम कर रहे हैं। आज उन सभी वीडियो फुटेज को मीडिया को दिया जाएगा।
सांसद और पूर्व सांसद समेत 14 भाजपा नेताओं के खिलाफ एफआईआर
कवर्धा शहर में दो समुदायों के बीच झंडा लगाने के बाद विवाद और हिंसक झड़प के बाद सिटी कोतवाली में अब तक 1000 से अधिक लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया जा चुका है। वहीं मामले में अब तक 9& लोगों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है। इसमें दोनों गुट के लोग शामिल हैं।
सबसे खास बात यह है कि उपद्रव और अशांति फैलाने के लिए 14 भाजपा नेताओं के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज किया गया है। जिसमें सांसद संतोष पांडेय और पूर्व सांसद अभिषेक सिंह सहित 14 भाजपा नेताओं पर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और बलवा की धारा लगाई गई है। कोर्ट से एफआईआर की कॉपी निकालने वाले के बाद भाजपा नेताओं में जमकर आक्रोश है। पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह की अगवाई में भाजपा नेताओं ने एक दल ने शुक्रवार को राज्यपाल से मिलकर इस मामले में सरकार से निष्पक्ष जांच करवाकर रिपोर्ट लेने की मांग की है।
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पूर्व सीएम के बेटे के खिलाफ भी एफआईआर
भाजपा नेताओं पर कार्रवाई को पूर्व सीएम ने राजनीति से ओत-प्रोत बताया और कहा कांग्रेस की सरकार जांच के नाम पर भाजपा नेताओं को परेशान कर रही है। कर्वधा शहर में 5 अक्टूबर को हुए उपद्रव के बाद पुलिस ने & अलग-अलग एफआईआर दर्ज की थी। भाजपा ने जब एफआईआर की कॉपी कोर्ट से निकलवाई, तो पता चला कि वरिष्ठ नेताओं का नाम भी इस एफआईआर में जोड़े गए हैं। इनमें सांसद संतोष पांडेय, पूर्व सांसद अभिषेक सिंह, पूर्व विधायक मोतीराम चंद्रवंशी, अशोक साहू, प्रदेश मंत्री विजय शर्मा, जिलाध्यक्ष अनिल सिंह, भाजयुमो जिलाध्यक्ष पीयूष ठाकुर, विश्व हिंदू परिषद जिला प्रमुख नंदलाल चंद्राकर सहित कैलाश चंद्रवंशी, राजेंद्र चंद्रवंशी, पन्ना चंद्रवंशी, उमंग पांडेय, राहुल चौरसिया, भुनेश्वर चंद्राकर का नाम शामिल है। सांसद संतोष पांडेय और पूर्व सांसद अभिषेक के खिलाफ कार्रवाई का आधार पुलिस ने ट्विटर पर वायरल वीडियो को बनाया है। पुलिस की मुताबिक भाड़काऊ भाषण और रैली में आपत्तिजनक बातें कही गई है।

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