CG Medicine: कब्जे से 100 नग एपुल नशीली दवांईयां जब्त
वहीं इनके कब्जे से 100 नग एपुल नशीली दवांईयां जब्त किया।
आरोपियों के विरूद्ध धारा 21 ग एनडीपीएस एक्ट के तहत गिरफ्तार कर रिमाण्ड पर न्यायालय पेश किया गया। वहां पर अतिरिक्त लोक अभियोजक राजेश सोनी ने शासन की ओर से पैरावी की। विशेष न्यायधीश एनडीपीएस एक्ट योगिता विनय वासनिक ने मामले आरोपियों को दोषी करार दिया। मामले में विचार किया गया कि समाज में खासकर युवा वर्ग और बालकों की मन: स्थिति को नशे की गिरत में लिया जा रहा है जिसे यह ज्ञान भी नहीं है कि इसका उनके जीवन पर क्या प्रभाव होगा।
अत: नशे के इन
कारोबारियों पर उदार दृष्टिकोण अपनाया जाना न्यायोचित प्रतीत नहीं होता है। एनडीपीएस एक्ट की धारा 32(बी) में न्यूनतम दण्ड से उच्चतर दण्ड अधिरोपित करने के लिए विचार में लायी जाने वाली बातों के संबंध में प्रावधानित किया गया है। प्रकरण में अभियुक्तों से जप्तशुदा इंजेक्शन जिसमें निर्धारित मात्रा में स्वापक औषधि तथा मन: प्रभावी पदार्थ है जो कि व्यवसायिक मात्रा है इसलिए प्रकरण की उपरोक्त परिस्थितियों में न्यूनतम दण्ड से दण्डित किया जाना न्यायोचित है।
यह भी पढ़ेंकारावास के साथ एक-एक लाख रुपए अर्थदण्ड भी लगाया
विशेष न्यायधीश एनडीपीएस एक्ट योगिता विनय वासनिक ने प्रकरण की सपूर्ण परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए प्रकरण के दोषी सहमत अली, अशोक पांडे और अर्जुन सूर्यवंशी को धारा 21 (ग) के अपराध में 10-10 वर्ष के सश्रम कारावास और एक-एक लाख रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किया। अर्थदण्ड की राशि भुगतान नहीं करने पर पृथक से 1-1 वर्ष का सश्रम कारावास भुगतना होगा। अवैध रूप से नशीली दवा(इंजेक्शन) बिक्री करने वाले तीन
आरोपियों को न्यायालय ने 10-10 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। वहीं एक-एक लाख रुपए का अर्थदंड भी लगाया है।