खेलो इंडिया वार्षिक स्कालरशिप के तहत अब गीता यादव को हर साल 6 लाख 20 हजार रुपए दिए जाएंगे। गीता के चयन पर बोड़ला नगर सहित जिलेभर में हर्ष व्याप्त है। इसी तरह से खेल और खिलाड़ियों को प्रोत्साहन मिले तो यह देश का नाम रोशन करें। इन खिलाड़ियों से स्थानीय बालक-बालिकाएं प्रेरित होते हैं। यह खेल में अपना नाम कमाना चाहते हैं।
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खेत को बनाया मैदान प्रतिभाएं बहुत है जिला में बस उन्हें तराशने की जरूरत है। बोड़ला में ही यही स्थिति है। पहले इंजीनियर सिखाते थे अब दो युवा हिमांशु चन्द्रवंशी और राजा चन्द्रवंशी हॉकी खिलाड़ियों को ट्रेन करते हैं। इनकी बदौलत ही वहां पर हॉकी खिलाड़ियों की संख्या 35 हो चुकी है। कुछ वर्ष के लिए एक कम्पनी में कार्यरत इंजियनर केएल चौहान सड़क निर्माण कार्य में (kawardha news) बोड़ला पहुंचे थे। इस दरमियां अपने खर्च से खेत को ही मैदान बनाया। वह जहां रहते थे वहीं केआसपास की बच्चियों को हॉकी सिखाना प्रारम्भ किया। इस दौरान बहुत परेशानी भी हुई क्योंकि बच्चियों को हॉकी सीखाने उनके माता पिता से सहमति लेना था। काफी मशक्कत के बाद बच्चियों को यूट्यूब से देखकर उन्हें सिखाते गए। हॉकी सिखने के लिए गरीब घर की बेटियां ही पहुंचती है, जिनके पास तो (cg news) खेल के लिए ठीक से हॉकी होती है न ही जूते। यदि शासन, प्रशासन और जनप्रतिनिधियों द्वारा इन खिलाड़ियों की मदद की जाए तो यह देशभर में बोड़ला का नाम ऊंचा कर सकती हैं।
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