शिक्षा की शुरुआत कक्षा पहली से होती है। स्कूल के माहौल को समझने के लिए बच्चों को नर्सरी में भर्ती की जाती है, लेकिन जिले के नर्सरी स्कूल में मनमाना फीस वसूला जा रहा है। केवल तीन से चार साल के बच्चों के लिए सालाना 30 हजार रुपए तक लिए जा रहे हैं। इतनी फीस तो बीएससी प्रथम वर्ष से अंतिम तक की पढ़ाई हो जाए। बीएड, आईटीआई हो जाए और कृषि कॉलेज में स्नातक हो जाए। नर्सरी में पढ़ाई तो नाममात्र की है।
CG School News: बच्चा बेमुश्किल से बोलना सीखता है। उसे केवल स्कूल जाने की आदत करनी होती है इस पर बेतहाशा फीस ली जाती है। एक किताब से ही काम चल जाए, लेकिन 1200 से 1500 रुपए तक इनकी किताब खरीदवाए जा रहे हैं। इस बेपरवाही पर कुछ लगाम लगनी चाहिए। सामान्य रूप से देखा जाए तो डेवलपमेंट व स्पोट्स के नाम पर जो फीस लिए जाते हैं वह मनमाना वसूली है। स्कूल में प्रत्येक बच्चे को समान रूप से खेलकूद और विकास करना ही होगा।
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