कवर्धा

सबरीमाला के बाद सामने आया एक और मंदिर, जहां 150 साल से महिलाओं का प्रवेश है वर्जित

सबरीमाला की तरह मां राजोदाई मंदिर में भी है महिलाओं का प्रवेश वर्जित, 150 वर्ष से चली आ रही है मान्यता

कवर्धाJan 11, 2019 / 02:05 pm

Deepak Sahu

सबरीमाला के बाद सामने आया एक और मंदिर, जहां 150 साल से महिलाओं का प्रवेश है वर्जित

कवर्धा . केरल के सबरीमाला मंदिर में आज भी महिलाओं के प्रवेश को लेकर जद्दोजहज चल रही है।सबरीमाला मंदिर परिसर में प्रवेश करने वाली महिलाओं पर सदियों से प्रतिबंध लगाया जा रहा है, क्योंकि भक्त मंदिर के प्रमुख देवता अयप्पा को ब्रह्मचारी मानते हैं।वहीं छत्तीसगढ़ के कवर्धा में ऐसी ही एक देवी मंदिर हैं जहां पर महिलाओं का प्रवेश वर्जित है।

जिला मुख्यालय कवर्धा से 22 किमी दूर ग्राम सूरजपुरा में मां राजोदाई मंदिर स्थित है। यहां पर महिलाओं का प्रवेश वर्जित है, जबकि यह देवी मंदिर है। यह मान्यता करीब 150 साल से चली आ रही है। इस मंदिर में केवल पुरुष ही प्रवेश कर पूजा पाठ करते हैं। महिलाएं मंदिर के बाहर से ही प्रार्थना कर सकती हैं, गर्भगृह में प्रवेश नहीं कर सकती।

अच्छी बात यह है कि इसे लेकर गांव की या किसी भी महिला ने कभी कोई आपत्ति नहीं है। न ही किसी ने जबर्दस्ती प्रवेश किया। गांव की महिलाएं मान्यतानुसार ही इस नियम का पालन करते हुए आस्था बनाएं हुए हैं। वहीं 10 वर्ष तक की बालिकाओं के लिए यहां पर कोई प्रतिबंध नहीं है। ग्रामीणों के अनुसार इस उम्र की बालिकाएं नि:संकोच इस मंदिर में पूजा पाठ कर सकती है। इन्हें रोका टोका नहीं जाता।

Rajodai temple

 

Rajodai temple

मां राजोदाई मंदिर समिति के अध्यक्ष, उत्तम जायसवाल ने बताया मंदिर में महिलाओं का प्रवेश वर्जित है। जब से देवी स्थापित हैं तब से आस्था है। बुजुर्गों के अनुसार पिंड रूप में जो देवी यहां विराजमान है वह कुंवारी है। इसलिए महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया।

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