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कौशाम्बी

फूलपूर उपचुनाव: सपा को मिला नया रणनीतिकार, चुनाव जीतने के लिए बना रहे रणनीति

उपचुनाव में पार्टी उम्मीदवार को जिताने के लिए हर रोज बेहद ठोस रणनीति बना रहे हैं ।

कौशाम्बीMar 06, 2018 / 04:58 pm

Akhilesh Tripathi

Indrajit Saroj

इंद्रजीत सरोज

कौशांबी. फूलपुर उपचुनाव में भाजपा व सपा उम्मीदवार के बीच मुख्य मुकाबले की उम्मीद जताई जा रही है। इस मुकाबले मे भले ही दो दलों के उम्मीदवार आमने सामने हैं लेकिन उनके पीछे चुनावी चाणक्य कहे जाने वालों की लंबी फेहरिस्त है। भाजपा के चाणक्य का नाम सबकी जुबान पर है लेकिन सपा के चाणक्य की चर्चा कोई नहीं कर रहा है|
फूलपुर लोकसभा उप चुनाव में सपा का चाणक्य इस बार इंद्रजीत सरोज को माना जा रहा है। बसपा छोड़ सपा का दामन थामने वाले इंद्रजीत सरोज अपने उम्मीदवार के लिए हर रोज चुनावी चक्रव्यूह तैयार कर रहे हैं। पार्टी ने बलराम यादव के साथ इंद्रजीत सरोज को यहां का चुनाव प्रभारी बनाया है।
कौशांबी जिले के मंझनपुर इलाके में रहने वाले व बहुजन समाज पार्टी से राजनैतिक सफर की शुरुआत करने वाले प्रदेश के पूर्व मंत्री इंद्रजीत सरोज ने लगभग सात माह पहले समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया था। सपा ने इंद्रजीत के राजनीतिक कद को देखते हुये पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बना दिया। इंद्रजीत सरोज को फूलपुर लोकसभा संसदीय सीट के उप चुनाव मे बलराम यादव के साथ प्रभारी बनाया गया है।
शहर पश्चिमी में रहने वाले इंद्रजीत को पार्टी का खास रणनीतिकार माना गया है। इंद्रजीत भी अपने रसूख को बनाए रखने के लिए उपचुनाव में पार्टी उम्मीदवार को जिताने के लिए हर रोज बेहद ठोस रणनीति बना रहे हैं। लंबे राजनीतिक अनुभव का लाभ उठाते हुये इंद्रजीत अपने चुनावी तरकश से ऐसा बाण निकाल रहे है जो निशाने पर लगे और पार्टी उम्मीदवार को फायदा मिले। बसपा के सपा को समर्थन को लेकर भले ही उहापोह की स्थिति बनी है लेकिन इंद्रजीत के रहते हुये माना जा रहा है कि इस बार बसपा का एक बड़ा वोट बैंक सपा के साथ खड़ा नजर आएगा।
जानकारों की मानें तो इंद्रजीत सरोज बसपा मे रहे अपने खास सिपहसालारों से सपा उम्मीदवार के पक्ष मे माहौल तैयार करने को भी कह रहे हैं। अपनी बिरादरी के मतदातों के बीच इंद्रजीत की गहरी पैठ पहले से ही बनी हुई है। ऐसे में दलित-मुस्लिम गठजोड़ कामयाब हुआ तो भाजपा उम्मीदवार के लिए मुश्किलें खड़ी होने मे वक्त नहीं लगेगा। फिलहाल उपचुनाव का सेहरा किसके सिर बंधेगा यह तो 14 मार्च को पता चलेगा लेकिन जिस तरह से इंद्रजीत सरोज चाणक्य का किरदार निभा रहे है उसे देख राजनीतिक विश्लेषण इसके कई मायने निकाल रहे हैं ।
BY- SHIV NANDAN SAHU

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