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आउटसोर्स का जिन्न: सात दिन बाद भी तलाशे नहीं मिले 200 से ज्यादा कर्मचारी!, मचा हडकंप

wo hundred employees missing nagar nigam

कटनीAug 28, 2024 / 11:15 am

balmeek pandey

wo hundred employees missing nagar nigam

दो दिन में 21 और 22 अगस्त को कराया जाना था सत्यापन, नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग के हैं पूरे कर्मचारी, सत्यापन रिपोर्ट खोलेगी राज

कटनी. नगर निगम में कार्यरत 786 आउटसोर्स कर्मचारियों में से स्वास्थ्य विभाग के सवा सौ कर्मचारी अभी भी लापता हैं! इपीएफ सत्यापन के लिए 21 व 22 अगस्त को कराए गए सत्यापन के सात दिन बाद भी लगभग 225 कर्मचारी नहीं पहुंचे। कर्मचारियों के सत्यापन कराने न पहुंचने के पीछे क्या वजह है अबतक नगर निगम के कोई भी अधिकारी व जनप्रतिनिधि कुछ भी कहने से बचते नजर आ रहे हैं। नगर निगम में कर्मचारियों की इतनी बड़ी संख्या ने पूरे सिस्टम को कटघरे में खड़ा कर दिया है। सूत्रों की मानें तो सत्यापनकर्ता अधिकारी-कर्मचारियों ने तो यहां तक कह दिया कि सत्यापन में कुछ ऐसे लोग भी पहुंचे, जो अपना विभाग व काम तक नहीं बता पाए, जो सिर्फ सत्यापन की औपचारिकता पूरी कराने पहुंचे थे। हर माह 80 से 90 लाख रुपए का आउटसोर्स कर्मचारियों को होने वाले भुगतान में क्या खेल चल रहा है, शीघ्र ही इसका भंडाफोड़ हो सकता है। हालांकि अफसर सत्यापन की प्रक्रिया 7 दिन बाद भी पूरी नहीं करा पाए।
यह है मामला
प्रभारी आयुक्त व जिला पंचायत सीइओ (आइएएस) शिशिर गेमावत के पास 749 आउटसोर्स कर्मचारियों के वेतन भुगतान की फाइल पहुंची। अत्यधिक संख्या होने के कारण सीइओ ने इपीएफ यूएएन खाता खोले जाने के लिए सत्यापन कराने आदेश दिए। आदेश में 21 एवं 22 अगस्त को सत्यापन के लिए साधुराम स्कूल व नगर निगम कार्यालय में सत्यापन कराया गया।
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यह रही सत्यापन की स्थिति


सत्यापन के दौरान स्वास्थ्य विभाग में 569 आउटसोर्स कर्मचारी कार्यरत हैं। सत्यापन कराने के लिए सिर्फ 292 पहुंचे हैं। अभी तक 277 कर्मचारियों का सत्यापन नहीं हो पाया। कुछ कर्मचारियों ने एनयूएलएम कार्यालय में पहुंचकर सत्यापन कराया है। सूत्रों की मानें तो अभी भी 225 कर्मचारियों का सत्यापन नहीं हो पाया है।
15 शाखाओं के कर्मचारी सत्यापित


जानकारी के अनुसार नगर निगम की 15 शाखाओं में कार्यरत आउटसोर्ट 116 कर्मचारियों का सत्यापन कराया गया है, जो पूरे पाए गए हैं। इसमें स्वच्छ भारत मिशन, खाद्य विभाग, वेंकट लाइब्रेरी, लोक सूचना कार्यालय, उपायुक्त, पेंशन, जनसंपर्क, अतिक्रमण, राजस्व, बाजार, विधि, समग्री, एनयूएलएम, जलकर, सुरम्य पार्क शामिल है। इनका सत्यापन तो हुआ है, लेकिन यहां पर सभी नियमित आ रहे हैं, कि नहीं इनकी निगरानी भी सवालों में है।
सवा दो सौ की तलाश


सत्यापन दल क्रमांक एक द्वारा अबतक पूरा कर्मचारियों का सत्यापन नहीं किया गया है। 27 अगस्त तक की स्थिति में अभी भी सवा दो सौ कर्मचारी बकाया है। पहले अधिकारी-कर्मचारियों ने कहा कि रक्षाबंधन के कारण महिला कर्मचारी मायके गई है तो कुछ कर्मचारी अवकाश पर, लेकिन सात दिन बाद भी वे नहीं पहुंचे। दल क्रमांक 3 को 100 कर्मचारियों का सत्यापन किया है। इसमें प्रधानमंत्री आवास, विद्युत, अग्निशमन, साधूराम, केसीएस व ए रविंद्र राव स्कूल, परिवहन, ऑडिटोरियम, लोक निर्माण विभाग, आश्रय, निर्वाचन, संबल, आवासीय संपरीक्षा शामिल है।
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छानबीन कमेटी ने नहीं की जांच
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार लगभग एक साल पहले नगर निगम द्वारा लगभग 700 से अधिक आउटसोर्स कर्मचारियों को हो रहे भुगतान को लेकर जांच कराने छानबीन कमेटी बनाई गई थी। नगर निगम के जिम्मेदारों ने इसकी जांच नहीं होने दी। एक साल पहले ही यदि जांच हो जाती है, तो हकीकत का पता चल जाता।
अचानक बढ़ते गए कर्मचारी


जानकारी के अनुसार दो साल पहले तक जब नगर सरकार अस्तित्व में नहीं थी, तब नगर निगम में साढ़े चार सौ आउटसोर्स कर्मचारी थी। दो साल में इस कदर डिमांड बढ़ी की संख्या दोगुनी हो गई। अब सवाल यह उठता है कि आखिर अचानक ऐसा क्या काम कराया जाने लगा, जिससे इतने आउटसोर्स कर्मचारी रखने पड़ गए।
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सफेदपोशों के चहेतों के नाम


बता दें कि आउटसोर्स कर्मचारी की इस लंबी लिस्ट में ऐसे भी कई नाम हो सकते हैं जो कहने को तो नगर निगम के कर्मचारी हैं, लेकिन वे सफेदपोशों के चहेते हैं। सूत्रों की मानें तो कुछ कर्मचारियों के नाम ऐसे भी दर्ज हैं जो नगर निगम से भुगतान तो ले रहे हैं, लेकिन सेवाएं उनकी अन्य अशासकीय कार्यालयों व अन्य स्थानों पर ली जा रही हैं।
वर्जन
सत्यापन कराने के लिए दो दिन का समय नियत किया गया था। इसके बाद भी कुछ सत्यापन हुए हैं। रिपोर्ट तैयार कराई जा रही है। मैं अवकाश से लौटते ही इसकी वास्तविकता को देखूंगा। रिपोर्ट अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।
शिशिर गेमावत, प्रभारी आयुक्त।

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