सिंगरौली रेलखंड पर यार्ड रिमॉडलिंग, कई ट्रेनें निरस्त व मार्ग परिवर्तित
ओवरहेड टैंकों का होगा निर्माण
जानकारी के अनुसार जल आवर्धन योजना के तहत नगर निगम ने 53 करोड़ रुपए की योजना को बनाकर शासन के पास स्वीकृति के लिए तीन माह पूर्व भेजा था। बैठक के बाद योजना को स्वीकृत किय गया है। 2055 तक शहर की आबादी 3 लाख 79 हजार 930 के मानते हुए योजना बनी है। 56 हजार 30 घरों तक पानी पहुंचाने की योजना है। 3 हजार कनेक्शन भी दिए जाएंगे। इस योजना में 1484 लाख से पाइप लाइन डलेगी, 7 ओवरहेड टैंक बनाए जाएंगे, जो शहर के विभिन्न हिस्सों में पानी के वितरण में सहायक होंगे। फिल्टर प्लांट से सिविल लाइन और पंप हाउस तक पाइपलाइन का विस्तार किया जाएगा। इस योजना के पूरा होने से शहरवासियों को शुद्ध और पर्याप्त पेयजल की सुविधा मिलेगी, जो लंबे समय से शहर की प्रमुख समस्याओं में से एक थी। इसके अलावा 2040 मीटर का डाया पाइप डलेगा। कई स्थानों पर पुरानी पाइप लाइन को बदला जाएगा। 289 लाख रुपए पांच साल तक मेंटीनेंस में खर्च किए जाएंगे।
मुख्यालय से मुहर
फाइल को स्वीकृति के लिए भोपाल भेजा गया था। मुहर लगते ही शहरके लिए बड़ी सौगात है। उल्लेखनीय है कि नगर निगम द्वारा वर्तमान में 23 से 24 एमएलडी पानी की सप्लाई की जा रही है, जो नाकाफी है। शहर के अनुसार कम से कमर 40 से 45 एमएलडी पानी की प्रतिदिन आवश्यकता है। उसकी व्यवस्था करने के लिए नगर निगम ने यह योजना बनाई है।
फाइल को स्वीकृति के लिए भोपाल भेजा गया था। मुहर लगते ही शहरके लिए बड़ी सौगात है। उल्लेखनीय है कि नगर निगम द्वारा वर्तमान में 23 से 24 एमएलडी पानी की सप्लाई की जा रही है, जो नाकाफी है। शहर के अनुसार कम से कमर 40 से 45 एमएलडी पानी की प्रतिदिन आवश्यकता है। उसकी व्यवस्था करने के लिए नगर निगम ने यह योजना बनाई है।
वर्जन
पेयजल समस्या से निजात दिलाने के लिए 50 करोड़ रुपए की नई योजना बनी है। कटनी नदी में कटायेघाट के आगे एक और स्टॉपडेम बनाकर पानी फिल्टर करते हुए सप्लाई की जाएगी। जिला स्तरीय कमेटी से अनुमति के बाद फाइनल स्वीकृति के लिए मुख्यालय भेजी गई थी। उस पर मुहर लग गई है। मिनिट़्स जारी होते ही टेंडर आदि की प्रक्रिया होगी।
सुधीर मिश्रा, कार्यपालन यंत्री नगर निगम।
पेयजल समस्या से निजात दिलाने के लिए 50 करोड़ रुपए की नई योजना बनी है। कटनी नदी में कटायेघाट के आगे एक और स्टॉपडेम बनाकर पानी फिल्टर करते हुए सप्लाई की जाएगी। जिला स्तरीय कमेटी से अनुमति के बाद फाइनल स्वीकृति के लिए मुख्यालय भेजी गई थी। उस पर मुहर लग गई है। मिनिट़्स जारी होते ही टेंडर आदि की प्रक्रिया होगी।
सुधीर मिश्रा, कार्यपालन यंत्री नगर निगम।