कटनी

घरों में खुशहाली के लिए अनूठी परम्परा: सुरक्षा के लिए देही पर ठोकी कील

Unique tradition in Lakhakhera village

कटनीNov 02, 2024 / 08:31 pm

balmeek pandey

Unique tradition in Lakhakhera village

दीपावली के दूसरे दिन विश्वकर्मा समाज के लोग घर-घर जाकर ठोंकते हैं खीले, लखाखेरा में कई पीढ़ी से चली आ रही परंपरा

कटनी. बड़वारा क्षेत्र के ग्राम लखाखेरा में विश्वकर्मा समाज के लोग एक अनूठी परम्परा का निर्वाह कर रहे हैं, जिसका उद्देश्य घरों में खुशहाली और सुरक्षा सुनिश्चित करना है। पीढिय़ों से चली आ रही इस रस्म के अंतर्गत दीपावली के अवसर पर लोहे की कील घर-घर जाकर देहरी में लगाई जाती है। इस कार्य को करने वाले समाज के लोग मानते हैं कि इस परम्परा से घर बाहरी बलाओं और नकारात्मक तंत्र शक्तियों से सुरक्षित रहते हैं।
ग्राम लखाखेरा में हर साल दीपावली के दूसरे दिन विश्वकर्मा समाज के लोग घर-घर जाकर लोहे की कील गड़ाते हैं। यह रस्म निभाने वाले ग्रामीणों में कैलाश विश्कर्मा, चंदीदीन विश्वकर्मा, विजय विश्वकर्मा का कहना है कि इस प्रथा का मुख्य उद्देश्य परिवारों की खुशहाली और समृद्धि है। यह माना जाता है कि लोहे की कील लगाने से तंत्र विद्या और बाहरी बला से घर की रक्षा होती है।
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कील लगाने के बदले मिलता है दान
इस रस्म में भाग लेने वाले समाज के सदस्य, जब किसी घर में कील लगाने हैं, तो घर के लोग उन्हें दान देते हैं। यह दान वस्त्र, अनाज, या धन के रूप में दिया जाता है, जो समाज के लोग मिल-जुलकर स्वीकार करते हैं। यह परम्परा केवल आध्यात्मिक और सांस्कृतिक ही नहीं, बल्कि सामाजिक एकता को भी बढ़ावा देती है।
तंत्र विद्या से बचाने की पहल
समाज के लोगों का विश्वास है कि इस प्रकार की परम्पराएं बुरी शक्तियों से बचाव में सहायक होती हैं। ग्रामीण कैलाश विश्कर्मा के अनुसार, यह केवल एक रस्म नहीं बल्कि एक धार्मिक कृत्य भी है जो लोगों के बीच सकारात्मकता और आत्मीयता को बनाए रखता है। लखाखेरा गांव में विश्वकर्मा समाज की यह अनोखी परम्परा पीढिय़ों से चली आ रही है और दीपावली के समय इसे निभाकर लोग अपनी सांस्कृतिक जेड़ों से जुड़े रहते हैं।

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