कटनी

सीआरएस का दौरा ना होने से अटका इलेक्ट्रिक लाइन से यात्री ट्रेनों का परिचालन, यहां हर दिन फुक रहा लाखों का डीजल

प्रतिदिन डीजल में लाखों रुपए की खपत को बचाने एवं पर्यावरण प्रदूषण से मुक्ति दिलाने के लिए रेलवे द्वारा व्यापक पैमाने पर इलेक्ट्रिफिकेशन कराया जा रहा है। इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेनें दौड़ाई जा रहे हैं। इसी क्रम में कटनी-प्रयागराज तक इलेक्ट्रिफिकेशन का कार्य हुआ है। पहले तो ठेकेदार द्वारा लेटलतीफी की गई।

कटनीJun 18, 2020 / 08:47 pm

balmeek pandey

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कटनी. प्रतिदिन डीजल में लाखों रुपए की खपत को बचाने एवं पर्यावरण प्रदूषण से मुक्ति दिलाने के लिए रेलवे द्वारा व्यापक पैमाने पर इलेक्ट्रिफिकेशन कराया जा रहा है। इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेनें दौड़ाई जा रहे हैं। इसी क्रम में कटनी-प्रयागराज तक इलेक्ट्रिफिकेशन का कार्य हुआ है। पहले तो ठेकेदार द्वारा लेटलतीफी की गई। ठेकेदार को ब्लैक टर्मिनेट कर रेलवे ने दूसरे ठेकेदार से काम कराया और अब ओएचइ वर्क पूरा होने के बाद सीआरएस (कमीशन ऑफ रेल सेफ्टी) का दौरा ना होने से यात्री ट्रेनों का परिचालन रुक गया है। बता दें कि 11 मई को पहला इलेक्ट्रिक इंजन कटनी से सतना तक दौड़ चुका है। इसके बाद 20 मई से पहली मालगाड़ी का परिचालन शुरू हो गया था, लेकिन अब तक यात्री ट्रेनों के लिए इलेक्ट्रिक लाइन से नहीं भेजा जा रहा है।
बता दें कि अनलॉक-1 में प्रतिदिन 10 से 15 यात्री ट्रेनें निकलती हैं। ट्रेनों के कटनी पहुंचने पर पहले इंजन बदला जाता है, डीजल इंजन सतना तक ट्रेन को लेकर जाता है, इसके बाद वहां पर इलेक्ट्रिक इंजन लगाए जाते हैं। यही हाल सतना से आने वाली गाडिय़ों में भी होता है। सतना से डीजल इंजन से गाड़ी आती है और फिर उसे कटनी में बदला जाता है, यदि यात्री ट्रेनों पर भी इंजन बदलने का काम बंद हो जाए तो ना फिर प्रत्येक ट्रेन में 15 से 20 मिनट का समय बचेगा, बल्कि लाखों रुपए के डीजल की बचत होगी और प्रदूषण भी नहीं होगा। अन्य ट्रेनों का मार्जिन भी बच जाएगा।

इनका कहना है
कटनी-सतना का काम पूरा हो गया है। सीआरएस का दौरा होने के बाद ओके रिपोर्ट जारी होते ही इलेक्ट्रिक इंजनों से यात्री ट्रेनों का परिचालन शुरू हो जाएगा। इसके लिए आवश्यक पहल की जाएगी।
प्रियंका दीक्षित, सीपीआरओ।

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