वीडियो देखने के लिए लिंक पर क्लिक करें सामाजिक सरोकार की बना मिसाल
बुधवार को छात्राओं ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि पत्रिका ने उनकी आवाज बनकर उन्हें यह सुविधा दिलाई है। पत्रिका, जो हमेशा से सामाजिक सरोकार और जन समस्याओं को उठाने वाला अखबार रहा है, एक बार फिर बेटियों की आवाज बनकर उनके लिए यह बड़ा काम किया है। कॉलेज प्रबंधन ने भी माना कि पत्रिका की पहल से ही उन्होंने इस समस्या को गंभीरता और शीघ्रता से संज्ञान में लिया और बेटियों की सुविधा के लिए बस सेवा शुरू कराई। पत्रिका ने एक बार फिर सामाजिक सरोकार की मिसाल पेश की है।
बुधवार को छात्राओं ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि पत्रिका ने उनकी आवाज बनकर उन्हें यह सुविधा दिलाई है। पत्रिका, जो हमेशा से सामाजिक सरोकार और जन समस्याओं को उठाने वाला अखबार रहा है, एक बार फिर बेटियों की आवाज बनकर उनके लिए यह बड़ा काम किया है। कॉलेज प्रबंधन ने भी माना कि पत्रिका की पहल से ही उन्होंने इस समस्या को गंभीरता और शीघ्रता से संज्ञान में लिया और बेटियों की सुविधा के लिए बस सेवा शुरू कराई। पत्रिका ने एक बार फिर सामाजिक सरोकार की मिसाल पेश की है।
छात्राओं के धन्यवाद संदेश
हम लंबे समय से इस बस सेवा की उम्मीद कर रहे थे। हर दिन पैदल या ओवरलोड वाहनों से कॉलेज जाना बहुत मुश्किल था। पत्रिका ने हमारी इस समस्या को उठाकर हमारी मुश्किल आसान कर दी है। इसके लिए हम पत्रिका का तहे दिल से धन्यवाद करते हैं। बच चालने के लिए अभियान चलाया।
शिवानी पयासी, छात्रा।
हम लंबे समय से इस बस सेवा की उम्मीद कर रहे थे। हर दिन पैदल या ओवरलोड वाहनों से कॉलेज जाना बहुत मुश्किल था। पत्रिका ने हमारी इस समस्या को उठाकर हमारी मुश्किल आसान कर दी है। इसके लिए हम पत्रिका का तहे दिल से धन्यवाद करते हैं। बच चालने के लिए अभियान चलाया।
शिवानी पयासी, छात्रा।
पत्रिका अखबार की पहल ने हमारी कॉलेज की डगर आसान बना दिया है। अब हमें बिना ज्यादा खर्च किए सुरक्षित और आरामदायक तरीके से कॉलेज जाने की सुविधा मिल रही है। इस खबर को प्रमुखता से उठाने के लिए पत्रिका का धन्यवाद।
अर्पिता शर्मा, छात्रा।
अर्पिता शर्मा, छात्रा।
अभी तक हमें हर दिन इस बात की चिंता होती थी कि कॉलेज कैसे जाएं। पत्रिका ने हमारी आवाज बनकर प्रशासन तक यह बात पहुंचाई, जिससे हमें बस सेवा मिल पाई। मैं पत्रिका का धन्यवाद करती हूं कि उन्होंने हमारी परेशानी को समझा।
मीना चौबे, छात्रा।
मीना चौबे, छात्रा।
पत्रिका ने सच में हम छात्राओं के लिए बहुत बड़ी मदद की है। अब हम सुरक्षित और आराम से कॉलेज जा पा रहे हैं। पत्रिका के इस प्रयास की जितनी तारीफ की जाए, कम है। धन्यवाद पत्रिका!।
प्राची मिश्रा, छात्रा।
प्राची मिश्रा, छात्रा।
हर रोज पैदल चलना या ओवरलोड ऑटो में सफर करना हमारे लिए एक बड़ी समस्या थी। पत्रिका ने हमारे इस संघर्ष को सबके सामने रखा और हमें यह सुविधा मिली। हम सभी छात्राएं पत्रिका को दिल से धन्यवाद करते हैं।
संध्या पांडेय, छात्रा।
संध्या पांडेय, छात्रा।
पत्रिका ने हमारी परेशानी को समझा और अपनी आवाज से हमें इस समस्या से राहत दिलाई। अब हम हर दिन बिना किसी परेशानी के बस से कॉलेज जा सकते हैं। पत्रिका का आभार, जिसने हमारे भविष्य की चिंता की।
सान्या रघुवंशी, छात्रा।
सान्या रघुवंशी, छात्रा।
पत्रिका ने उठाई मांग, शीघ्र हमने की पूरी
प्राचार्य डॉ. चित्रा प्रभात ने कहा कि कॉलेज में दो बसों की सुविधा प्रारंभ कर दी गई है। पत्रिका द्वारा लगातार छात्राओं के लिए बस सुविधा की मांग उठाई गई। इसे कॉलेज प्रबंधन व प्रशासन ने संज्ञान में लिया। दो अतिरिक्त बसों के संचालन के लिए विधायक संदीप जायसवाल ने राशि भी दी है। कलेक्टर दिलीप यादव ने भी शीघ्र बसें चलाने की प्रक्रिया को पूर्ण करने के निर्देश दिए। परिवहन विभाग ने भी सहयोग किया। बसों के चलने से पन्ना मोड़, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, जुहला बाइपास, राधा स्वामी सत्संग भवन से बसें छात्राओं को लेकर आएंगी। साथ ही कर्मचारियों को भी लाभ मिलेगा। पत्रिका द्वारा हमेशा से कॉलेज की समस्याओं को दूर करने के लिए सचेत किया है, इसलिए पत्रिका धन्यवाद की पात्र है।
प्राचार्य डॉ. चित्रा प्रभात ने कहा कि कॉलेज में दो बसों की सुविधा प्रारंभ कर दी गई है। पत्रिका द्वारा लगातार छात्राओं के लिए बस सुविधा की मांग उठाई गई। इसे कॉलेज प्रबंधन व प्रशासन ने संज्ञान में लिया। दो अतिरिक्त बसों के संचालन के लिए विधायक संदीप जायसवाल ने राशि भी दी है। कलेक्टर दिलीप यादव ने भी शीघ्र बसें चलाने की प्रक्रिया को पूर्ण करने के निर्देश दिए। परिवहन विभाग ने भी सहयोग किया। बसों के चलने से पन्ना मोड़, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, जुहला बाइपास, राधा स्वामी सत्संग भवन से बसें छात्राओं को लेकर आएंगी। साथ ही कर्मचारियों को भी लाभ मिलेगा। पत्रिका द्वारा हमेशा से कॉलेज की समस्याओं को दूर करने के लिए सचेत किया है, इसलिए पत्रिका धन्यवाद की पात्र है।
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गांव-गांव से पहुंचती हैं बेटिया
ंहम आपको बता दें कि गल्र्स कॉलेज में दूर-दराज के गांवों से बेटिया अध्ययन के लिए पहुंचती हैं। कॉलेज में रीठी, झुकेही, अमदरा, विजयराघवगढ़, कैमोर, सिनगौड़ी, बरही, बड़वारा, पिपरिया, मझगवां, तेवरी, देवरी हटाई, स्लीमनाबाद, तेवरी, बिलहरी सहित कई गांवों की बेटियां पहुंचती हैं। शहर के कोने-कोने से यहां पर बेटियां पढ़ाई करने पहुंचती हैं। 3500 से अधिक छात्राएं गल्र्स कॉलेज में पढ़ती हैं। इस सुविधा से सैकड़ों छात्राओं को लाभ मिलेगा।
गांव-गांव से पहुंचती हैं बेटिया
ंहम आपको बता दें कि गल्र्स कॉलेज में दूर-दराज के गांवों से बेटिया अध्ययन के लिए पहुंचती हैं। कॉलेज में रीठी, झुकेही, अमदरा, विजयराघवगढ़, कैमोर, सिनगौड़ी, बरही, बड़वारा, पिपरिया, मझगवां, तेवरी, देवरी हटाई, स्लीमनाबाद, तेवरी, बिलहरी सहित कई गांवों की बेटियां पहुंचती हैं। शहर के कोने-कोने से यहां पर बेटियां पढ़ाई करने पहुंचती हैं। 3500 से अधिक छात्राएं गल्र्स कॉलेज में पढ़ती हैं। इस सुविधा से सैकड़ों छात्राओं को लाभ मिलेगा।