फेज-2 के तहत होने वाले कार्य
टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद ठेकेदार को यह काम 22 महीनों में पूरा करना होगा। इस दौरान सीवर लाइन बिछाने, चेंबर बनाने, और ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण का कार्य किया जाएगा। काम पूरा होने के बाद ठेका कंपनी को अगले 10 साल तक ऑपरेशन और मैनेजमेंट की जिम्मेदारी दी जाएगी। किसी भी प्रकार की समस्या आने पर कंपनी तत्काल ठीक कराएगी।
- 42 किलोमीटर लंबी सीवर लाइन बिछाने का काम।
- 6827 हाउसहोल्ड चेंबर का कराया जाएगा निर्माण
- 2390 हाउस चेंबर का ठेका कंपनी करेगी निर्माण।
- 01 सीवर लाइन ट्रीटमेंट प्लांट का का होगा निर्माण।
टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद ठेकेदार को यह काम 22 महीनों में पूरा करना होगा। इस दौरान सीवर लाइन बिछाने, चेंबर बनाने, और ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण का कार्य किया जाएगा। काम पूरा होने के बाद ठेका कंपनी को अगले 10 साल तक ऑपरेशन और मैनेजमेंट की जिम्मेदारी दी जाएगी। किसी भी प्रकार की समस्या आने पर कंपनी तत्काल ठीक कराएगी।
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इन क्षेत्रों को कवर किया जाएगा
इस योजना के तहत खिरहनी फाटक ओवरब्रिज के आगे का हिस्सा, राजीव गांधी वार्ड, रेलवे कॉलोनी, रबर फैक्ट्री क्षेत्र, माई नदी, निमिया क्षेत्र, राहुल बाग, दुबे कॉलोनी, दुर्गा चौक, छोटी व बड़ी खिरहनी, तिलक कॉलेज क्षेत्र, प्रेमनगर, रोशन नगर, एसकेपी, एनकेजे क्षेत्र आदि में सीवर लाइन का काम होगा।
इन क्षेत्रों को कवर किया जाएगा
इस योजना के तहत खिरहनी फाटक ओवरब्रिज के आगे का हिस्सा, राजीव गांधी वार्ड, रेलवे कॉलोनी, रबर फैक्ट्री क्षेत्र, माई नदी, निमिया क्षेत्र, राहुल बाग, दुबे कॉलोनी, दुर्गा चौक, छोटी व बड़ी खिरहनी, तिलक कॉलेज क्षेत्र, प्रेमनगर, रोशन नगर, एसकेपी, एनकेजे क्षेत्र आदि में सीवर लाइन का काम होगा।
फेज-1 की अधूरी स्थिति बनी बड़ी चुनौती
अमृत योजना का फेज-1 जो 2017 में शुरू हुआ था, 22 माह में काम पूरा होना था, आज तक पूरा नहीं हो पाया है। पहले इस काम को केके स्पन कंपनी को सौंपा गया था, जिसने धीमी गति और मनमानी के चलते काम को लटकाए रखा। अभी भी 49 फीसदी काम शेष है। केके स्पन को ब्लैक लिस्टेड किया गया। दो साल से नई ठेका कंपनी जयंती सुपर को यह जिम्मेदारी दी गई, लेकिन वह भी इसे समय पर पूरा नहीं कर सकी। 219 किलोमीटर की सीवर लाइन बिछाई जानी थी, लेकिन अब तक 42 किलोमीटर का काम अधूरा है। रोड रेस्टोरेशन का कार्य भी अधर में लटका हुआ है। कई क्षेत्रों में हाउसहोल्ड और हाउस चेंबर का अधिकांश काम अधूरा पड़ा है। माधवनगर, कटायेघाट और कुठला में सीवर लाइन वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण भी पूरा नहीं हो पाया है। फेज-1 का 49त्न काम अब भी शेष है, जबकि इसकी मियाद सितंबर 2024 में समाप्त हो चुकी है।
अमृत योजना का फेज-1 जो 2017 में शुरू हुआ था, 22 माह में काम पूरा होना था, आज तक पूरा नहीं हो पाया है। पहले इस काम को केके स्पन कंपनी को सौंपा गया था, जिसने धीमी गति और मनमानी के चलते काम को लटकाए रखा। अभी भी 49 फीसदी काम शेष है। केके स्पन को ब्लैक लिस्टेड किया गया। दो साल से नई ठेका कंपनी जयंती सुपर को यह जिम्मेदारी दी गई, लेकिन वह भी इसे समय पर पूरा नहीं कर सकी। 219 किलोमीटर की सीवर लाइन बिछाई जानी थी, लेकिन अब तक 42 किलोमीटर का काम अधूरा है। रोड रेस्टोरेशन का कार्य भी अधर में लटका हुआ है। कई क्षेत्रों में हाउसहोल्ड और हाउस चेंबर का अधिकांश काम अधूरा पड़ा है। माधवनगर, कटायेघाट और कुठला में सीवर लाइन वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण भी पूरा नहीं हो पाया है। फेज-1 का 49त्न काम अब भी शेष है, जबकि इसकी मियाद सितंबर 2024 में समाप्त हो चुकी है।
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देरी से यह हुआ नुकसान
फेज-1 के काम में देरी के कारण शहर के कई इलाकों में सीवर व्यवस्था अभी भी अधूरी है। इसके चलते शहर के कई हिस्सों में गंदगी और जलभराव की समस्या बढ़ गई है। कई सडक़ों पर खुदाई का काम अधूरा छोडऩे से यातायात बाधित हुआ है। स्थानीय लोगों को स्वच्छता और स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। फेज-1 की धीमी प्रगति और अधूरे कार्यों के बावजूद, फेज-2 के तहत शुरू हो रही परियोजना से नागरिकों को काफी उम्मीदें हैं। शहरवासियों का मानना है कि इस परियोजना के पूरा होने से सीवर व्यवस्था में सुधार होगा और लंबे समय से चली आ रही समस्याओं का समाधान होगा।
देरी से यह हुआ नुकसान
फेज-1 के काम में देरी के कारण शहर के कई इलाकों में सीवर व्यवस्था अभी भी अधूरी है। इसके चलते शहर के कई हिस्सों में गंदगी और जलभराव की समस्या बढ़ गई है। कई सडक़ों पर खुदाई का काम अधूरा छोडऩे से यातायात बाधित हुआ है। स्थानीय लोगों को स्वच्छता और स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। फेज-1 की धीमी प्रगति और अधूरे कार्यों के बावजूद, फेज-2 के तहत शुरू हो रही परियोजना से नागरिकों को काफी उम्मीदें हैं। शहरवासियों का मानना है कि इस परियोजना के पूरा होने से सीवर व्यवस्था में सुधार होगा और लंबे समय से चली आ रही समस्याओं का समाधान होगा।
महत्वपूर्ण है योजना
अमृत योजना 2.0 के तहत स्वीकृत फेज-2 का कार्य शहरी विकास के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है। यह परियोजना शहर के सीवर सिस्टम को आधुनिक और व्यवस्थित बनाने के लिए एक बड़ा कदम है। हालांकि, प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती फेज-2 के काम को समय पर और गुणवत्ता के साथ पूरा करना है। पिछले अनुभवों को देखते हुए इस बार प्रशासन को ठेकेदारों की गतिविधियों पर सख्त निगरानी रखनी होगी, ताकि समय सीमा के भीतर परियोजना को पूरा किया जा सके।
अमृत योजना 2.0 के तहत स्वीकृत फेज-2 का कार्य शहरी विकास के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है। यह परियोजना शहर के सीवर सिस्टम को आधुनिक और व्यवस्थित बनाने के लिए एक बड़ा कदम है। हालांकि, प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती फेज-2 के काम को समय पर और गुणवत्ता के साथ पूरा करना है। पिछले अनुभवों को देखते हुए इस बार प्रशासन को ठेकेदारों की गतिविधियों पर सख्त निगरानी रखनी होगी, ताकि समय सीमा के भीतर परियोजना को पूरा किया जा सके।
वर्जन
अमृत 2.0 के तहत खिरहनी फाटक से आगे एनकेजे तक के क्षेत्र में सीवर लाइन के काम को स्वीकृति मिली है। अब टेंडर की प्रक्रिया कराते हुए काम शुरू कराया जाना है। फेज-1 का काम भी दु्रत गति से जारी है। शहर विकास के लिए है बेहत महत्वपूर्ण योजना है।
सुधीर मिश्रा, कार्यपालन यंत्री नगर निगम।
अमृत 2.0 के तहत खिरहनी फाटक से आगे एनकेजे तक के क्षेत्र में सीवर लाइन के काम को स्वीकृति मिली है। अब टेंडर की प्रक्रिया कराते हुए काम शुरू कराया जाना है। फेज-1 का काम भी दु्रत गति से जारी है। शहर विकास के लिए है बेहत महत्वपूर्ण योजना है।
सुधीर मिश्रा, कार्यपालन यंत्री नगर निगम।