जिले में आयुष्मान कार्ड अबतक न बन पाने व सबसे पीछे रहने के कारणों में जिले के स्वास्थ्य अधिकारी अजब गजब तर्क दे रहे हैं। देरी की वजह मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आरके अठया का कहना है कि अधिकारी-कर्मचारी सीएम हेल्पलाइन में लगे थे। बीच में कई अभियान आ जाते हैं, जिसके कारण लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया है। अब 15 दिन में लक्ष्य पूरा कर लेंगे, इसके लिए स्पेशल निर्देश दे रहे हैं। ग्राम पंचायत वार व वार्डों में कैंप लगाए जाएंगे।
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कोई भी बना सकता है कार्ड
70 वर्ष से अधिक वृद्धजनों का आयुष्मान कार्ड कोई भी बना सकता है व हर वृद्ध का कार्ड बन रहा है, इसके लिए कोई मानक तय नहीं हैं। आयुष्मान एप के माध्यम से हर कोई ये कार्ड बना सकता है। खुद अपना पंजीयन करा सकते हैं। सीएमएचओ ने कहा कि प्ले स्टोर से आयुष्मान एप डाऊनलोड कर आधार कार्ड, आधार से जो माबाइल नंबर लिंक होगा, उसमें ओटीपी आएगी, उसे अंकित कर वृद्धों के कार्ड बना सकते हैं। कार्ड बनते ही लाभ लेने की श्रेणी में वृद्धजन आ जाएंगे।
केंद्र सरकार की महत्वांकाक्षी योजना के लिए सात निजी अस्पताल पंजीकृत हैं। इसमें वर्धमान हॉस्पिटल, श्री हॉस्पिटल, चांडक हॉस्पिटल, जीजी नर्सिंग होम, एमजीएम हॉस्पिटल, धर्मलोक हॉस्पिटल, कटनी लाइफ केयर हॉस्पिटल अनुबंधित हैं। इन निजी अस्पतालों में 4 से 5 मरीज प्रतिदिन योजना का लाभ उठा रहे हैं। जिला अस्पताल में 50 से 70 लोग आयुष्मान योजना के तहत लाभ उठा रहे हैं।
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फैक्ट फाइल
- 15 लाख से अधिक है जिले में अनुमानित आबादी
- 8 लाख बनने हैं जिले में आयुष्मान कार्ड
- 5.50 लाख ही बन पाए हैं जिलेवासियों के कार्ड
- 46 हजार से अधिक वृद्धों के बनने है आयुष्मान कार्ड
- 6 हजार के आसपास ही बन पाए हैं अबतक कार्ड
- 07 निजी अस्पताल हैं आयुष्मान के लिए पात्र
7 दिसंबर तक की स्थति में तीन जिले टॉप पर हैं। इसमें बालाघाट 58.85 प्रतिशत के पहले स्थान पर, 54.20 प्रतिशत के साथ सिवनी जिला दूसरे स्थान पर व 50.8 प्रतिशत कार्ड बनाकर बेतूल तीसरे स्थान पर है। टॉप टेन की श्रेणी में छिंदवाड़ा एंव पार्ढूंना, डिंडौरी, धार, नर्मदापुरम, बड़वानी, हरदा व झाबुआ जिला हैं।
सभी पात्र हितग्राहियों और 70 वर्ष के ऊपर वाले वृद्ध महिला-पुरुषों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे हैं। अन्य अभियान के कारण यह काम पिछड़ गया है। वृद्धजनों के कार्ड 15 दिवस में शिविर लगाकर पूरे बनवाए जाएंगे।
डॉ. आरके अठया, सीएमएचओ।