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कटनी

इस जिले में केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के साथ बड़ी बेपरवाही…

Serious negligence in making Ayushman card

कटनीDec 09, 2024 / 09:43 pm

balmeek pandey

Ayushman Vay Vandana Card

वयोवृद्धों के आयुष्मान कार्ड बनाने में गंभीर लापरवाही, दो माह में 5978 कार्ड बनाकर प्रदेश में फिसड्डी, अफसर सिर्फ लूट रहे वाहवाही, समीक्षा पर भी खड़े हो रहे सवाल, जिलेभर में बनाए जाने हैं 46 हजार 641 कार्ड, दो माह में नहीं बन पाए कार्ड, अब 15 दिन में लक्ष्य पूरा करने का किया जा रहा दावा, लगभग तीन लाख बनने हैं कार्ड

कटनी. विश्व वृद्धजन दिवस 1 अक्टूबर को मनाया जाता है। यह दिन बुजुर्गों के अधिकारों, उनकी समस्याओं और उनके योगदान को सम्मान देने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 1990 में घोषित किया गया था। इसका उद्देश्य समाज में वृद्धजनों की भूमिका और उनकी जरूरतों के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। इस दिन केंद्र सरकार ने बड़ी योजना शुरू की। देशभर में 70 वर्ष के ऊपर के बुजुर्गों के आयुष्मान कार्ड बनाए जाने थे, ताकि 5 लाख रुपए तक का उन्हें उम्र के चौथे पड़ाव में नि:शुल्क इलाज मिल सके, लेकिन केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना में जिले में बड़ी बेपरवाही सामने आई है। जिला 7 दिसंबर तक की स्थिति में प्रदेशभर में 51वें स्थान पर है।
जानकारी के अनुसार दो माह से अधिक समय में स्वास्थ्य विभाग द्वारा नाम मात्र के आयुष्मान कार्ड वयोवृद्धों के बनाए गए हैं। जिले के स्वास्थ्य अधिकारी व जिले के अफसर बुजुर्गों के आयुष्मान कार्ड बनाने में कितनी रुचि ले रहे हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कटनी जिला 46 हजार 641 बजुर्गों में से मात्र 59978 के कार्ड बनाकर प्रदेश में 51वें स्थान पर याने की सबसे फिसड्डी है। कटनी में सिर्फ 12.82 प्रतिशत ही कार्ड बन पाए हैं। वहीं 52वें स्थान पर रीवा एंड मऊगंज है। उल्लेखनीय है कि जिले में वृद्धों के लगभग 40 हजार व सामान्य लोगों के ढाई लाख आयुष्मान कार्ड बनाने की चुनौती है। समय से कार्ड न बन पाने के कारण लोग योजना का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं।
Serious negligence in making Ayushman card
अजब तर्क दे रहे अधिकारी
जिले में आयुष्मान कार्ड अबतक न बन पाने व सबसे पीछे रहने के कारणों में जिले के स्वास्थ्य अधिकारी अजब गजब तर्क दे रहे हैं। देरी की वजह मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आरके अठया का कहना है कि अधिकारी-कर्मचारी सीएम हेल्पलाइन में लगे थे। बीच में कई अभियान आ जाते हैं, जिसके कारण लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया है। अब 15 दिन में लक्ष्य पूरा कर लेंगे, इसके लिए स्पेशल निर्देश दे रहे हैं। ग्राम पंचायत वार व वार्डों में कैंप लगाए जाएंगे।

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कोई भी बना सकता है कार्ड
70 वर्ष से अधिक वृद्धजनों का आयुष्मान कार्ड कोई भी बना सकता है व हर वृद्ध का कार्ड बन रहा है, इसके लिए कोई मानक तय नहीं हैं। आयुष्मान एप के माध्यम से हर कोई ये कार्ड बना सकता है। खुद अपना पंजीयन करा सकते हैं। सीएमएचओ ने कहा कि प्ले स्टोर से आयुष्मान एप डाऊनलोड कर आधार कार्ड, आधार से जो माबाइल नंबर लिंक होगा, उसमें ओटीपी आएगी, उसे अंकित कर वृद्धों के कार्ड बना सकते हैं। कार्ड बनते ही लाभ लेने की श्रेणी में वृद्धजन आ जाएंगे।
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आयुष्मान योजना के लिए ये हैं 7 अस्पताल
केंद्र सरकार की महत्वांकाक्षी योजना के लिए सात निजी अस्पताल पंजीकृत हैं। इसमें वर्धमान हॉस्पिटल, श्री हॉस्पिटल, चांडक हॉस्पिटल, जीजी नर्सिंग होम, एमजीएम हॉस्पिटल, धर्मलोक हॉस्पिटल, कटनी लाइफ केयर हॉस्पिटल अनुबंधित हैं। इन निजी अस्पतालों में 4 से 5 मरीज प्रतिदिन योजना का लाभ उठा रहे हैं। जिला अस्पताल में 50 से 70 लोग आयुष्मान योजना के तहत लाभ उठा रहे हैं।

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फैक्ट फाइल

  • 15 लाख से अधिक है जिले में अनुमानित आबादी
  • 8 लाख बनने हैं जिले में आयुष्मान कार्ड
  • 5.50 लाख ही बन पाए हैं जिलेवासियों के कार्ड
  • 46 हजार से अधिक वृद्धों के बनने है आयुष्मान कार्ड
  • 6 हजार के आसपास ही बन पाए हैं अबतक कार्ड
  • 07 निजी अस्पताल हैं आयुष्मान के लिए पात्र
टॉप-3 में ये हैं तीन जिले
7 दिसंबर तक की स्थति में तीन जिले टॉप पर हैं। इसमें बालाघाट 58.85 प्रतिशत के पहले स्थान पर, 54.20 प्रतिशत के साथ सिवनी जिला दूसरे स्थान पर व 50.8 प्रतिशत कार्ड बनाकर बेतूल तीसरे स्थान पर है। टॉप टेन की श्रेणी में छिंदवाड़ा एंव पार्ढूंना, डिंडौरी, धार, नर्मदापुरम, बड़वानी, हरदा व झाबुआ जिला हैं।
वर्जन
सभी पात्र हितग्राहियों और 70 वर्ष के ऊपर वाले वृद्ध महिला-पुरुषों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे हैं। अन्य अभियान के कारण यह काम पिछड़ गया है। वृद्धजनों के कार्ड 15 दिवस में शिविर लगाकर पूरे बनवाए जाएंगे।
डॉ. आरके अठया, सीएमएचओ।

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