इससे परेशान होकर के अंकित शर्मा ने सीबीआई जबलपुर से मामले की शिकायत की। इस पर सीबीआई एसपी रिचपाल सिंह से शिकायत की। एसपी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए ट्रैपिंग के लिए टीम गठित की, इसमें सीबीआई डीएसपी जेजे दागले, इंस्पेक्टर पीआर पांडेय, एसआई सुनील सिंह, केई देवगन, मोहम्मद रफीक, नरेश बघेल की टीम गठित कर जांच के लिए रवाना किया। डेढ़ घण्टे में टीम कटनी पहुंची। जैसे ही बुधवार की रात अंकित शर्मा ने सीनियर डीएमई के दफ्तर में बतौर रिश्वत 40 हजार रुपए दिए वैसे ही सीबीआई की टीम ने रंगे हाथ दबोच लिया।
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अकूत संपत्ति की भी चल रही जांच
सीबीआई टीम के अफसर ने बताया कि, सीनियर डीएमई सुरेंद्र कुमार सिंह के पास अकूत संपत्ति प्रारंभिक जांच में मिली है। बैंक खातों में लगभग 80 लाख रुपए नकद के साथ साथ लगभग 50 लाख से अधिक की सामग्री मिली है। बनारस में एक अस्पताल का निर्माण होना पाया गया है और भोपाल में 2 फ्लैट हैं। बेटे द्वारा भी जबलपुर में बड़ा कोचिंग सेंटर चलाया जा रहा है। कई लाख रुपए की एलआईसी और म्यूचल इनवेस्ट मेंट फंड में इंवेस्टमेंट पाया गया है। आरोपी अफसर के खिलाफ 1988 पीसी एक्ट की धारा 7 के तहत कार्रवाई की गई है। सीबीआई ने आरोपी अफसर को गिरफ्तार कर अपने साथ लेकर यहां से रवाना हो गई है। शेष ठिकानों पर भी टीम पहुंचकर जांच में जुटी हुई है।