इससे पहले कई वर्षों तक अलग-अलग महीने 1500 रुपए से लेकर 5 हजार रुपए तक मासिक वेतन मिलती थी। 1998 से नौकरी के 23 साल में बतौर वेतन लगभग 14 लाख रुपए मिले हैं। लोकायुक्त एसपी संजय साहू ने बताया कि, आय से अधिक संपत्ति मामले की जांच आगे भी जारी रहेगी।
यह भी पढ़ें- आर्थिक सर्वे : मध्य प्रदेश में बढ़े 5.51 लाख बेरोजगार, पर बढ़ गई है प्रति व्यक्ति आय
ये संपत्ति मिली
धान खरीदी घोटाले में शामिल है धरवारा खरीदी केंद्र
कागजों में 8 करोड़ रुपए की धान खरीदी घोटाले में जिन 15 समितियों से 7 मिलर्स के मिल तक धान परिवहन होना बताया गया, उसमे धरवारा समिति भी शामिल हैं। धरवारा धान खरीदी का प्रभारी सेल्समैन शिवशंकर दुबे ही रहा है।
सुबह दरवाजा खटखटाया और शुरु कर दी जांच
जबलपुर लोकायुक्त की जांच टीम में शामिल एसपी लोकायुक्त संजय साहू, डीएसपी दिलीप झरवड़े, निरीक्षक स्वप्निल दास, कमल उइके,भूपेंद्र दीवान, मंजू किरण किरकी, प्रधान आरक्षक राजेश पटेल, लक्ष्मी रजक, गोविंद राजपूत, जुवेद खान, अमित मंडल, विजय विष्ट, अतुल कुरराम, जीत सिंह व सुरेंद्र ठाकुर जब घर पहुंचे तो लोग सोकर नहीं उठे थे। टीम के सदस्यों ने दरवाजा खटखटाया और खुलते ही जांच शुरू कर दी।
यह भी पढ़ें- रेल यात्री ध्यान दें : त्योहारी सीजन में रद्द हुईं ये ट्रेनें, होली स्पेशल ट्रेन का ये होगा रूट
23 साल की नौकरी में बना ली लाखों की संपत्ति
सन 1998 में बचत बैंक बंधी स्टेशन से राशन दुकानदार (सेल्समैन) की नौकरी करने वाले कोटेदार शिवशंकर दुबे ने 23 साल की नौकरी में बतौर वेतन महज 13 से 14 लाख रुपए ही प्राप्त किए हैं। और लोकायुक्त की प्रारंभिक जांच में ही 1 करोड़ 63 लाख रुपए की संपत्ति मिली है।
बैंक खाते किये गए होल्ड
जबलपुर लोकायुक्त एसपी संजय साहू का कहना है कि, आय से अधिक संपत्ति मामले में आदिमजाति सेवा सहकारी समिति धरवारा की सरसवाही समिति में पदस्थ सेल्समैन शिवशंकर दुबे घर पर जांच की गई। बैंक खातों को होल्ड करवा दिए हैं। जांच अभी जारी है।
हंगामें के बीच पेश हुआ मध्यप्रदेश सरकार का बजट, लोगों में दिखा उत्साह, देखें वीडियो