शहर की यह ज्वलंत समस्या है। हर दिन हजारों की संख्या में नागरिक परेशान हो रहे हैं। कई साल से सडक़ राजनीतिक व तकनीकी पेंच में फंसी हुई है। एक किलोमीटर से भी कम की सडक़ नासूर बनी हुई है। शहरवासियों को इस ज्वलंत समस्या से निजात मिले, इसको लेकर विधायक द्वारा भी सक्रिय पहल नहीं की जा रही। हालांकि उनके द्वारा विधानसभा प्रश्न और निर्माण कार्य के लिए बात रखे जाने की बात कही जा रही है, लेकिन सामने आकर समाधान की पहल नहीं की जा रही। शहर के हित में इस मामले को लेकर सक्रियता नहीं दिखाई जा रही।
लोगों ने बयां की पीड़ा
जगन्नाथ चौक से घंटाघर की सडक़ शहर की गंभीर समस्या है। लोगों ने कई बार इस मुद्दे को उठाया, लेकिन नगर निगम के कर्ता-धरता द्वारा उचित पहल नहीं की जा रही है, सिर्फ मौके पर जाते हैं, चर्चा करते हैं, फिर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दी जाती है। इस मार्ग में सबसे ज्यादा ट्रांसपोर्ट का कारोबार होता है। यहां के रहवासी हरदिन परेशान होते हैं। जाम के हालात बनते हैं। रोड की जो समस्या है रोड जल्द बनना चाहिए।
अमित शुक्ला, अध्यक्ष जिला अधिवक्ता संघ।
प्रदीप द्विवेदी, स्थानीय निवासी।
आशीष कछवाहा, अधिवक्ता।
शिवम नौगरहिया, स्थानीय निवासी।
यह शहर की प्रमुख समस्या है। शीघ्र समाधान होना चाहिए। इस मामले में मेरे द्वारा विधानसभा प्रश्न भी लगाया गया था कि सडक़ कब तक बनेगी। जवाब में आश्वासन भी जल्द बनाने का दिया गया था, वह तारीख भी निकल गई है, लेकिन सडक़ नहीं बन पाई। शुरुआत से मैने यह बात रखी थी कि यहां पर डामर रोड बना दीजिए, फिर अतिक्रमण हटाकर सडक़ बना दी जाएगी। इसके बाद भी ध्यान नहीं दिया गया। यह मामला नगर निगम के अधिकार क्षेत्र का है। आंदोलन में नगर निगम के जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने भी आश्वासन दिया है। शहर की जनता यदि असंतुष्ट है और लोग कहेंगे तो फिर मैं उनके साथ खड़ा रहूंगा।
संदीप जायसवाल, विधायक।
नोटिस का प्रारूप फाइनल कर लिया गया है। सोमवार को कार्यालय खुलने के बाद दो-तीन दिन में प्रक्रिया अपनाई जाएगी। भूमि स्वामी हक, खसरा, नक्शे की कॉपी आदि महत्वपूर्ण दस्तावेज लिए जाएंगे, ताकि वास्तविक हकदार को मुआवजा मिले। पहले 1 करोड़ 52 लाख रुपए का पहले मुआवजा निकला था अब 2 करोड़ 26 हजार निर्धारण किया गया है। राशि का अंतर आया है। इस मामले को एमआइसी में रखा जाएगा। पिछली परिषद से सैद्धांतिक स्वीकृति मिल गई है। पहले सीसी सडक़ बनाना था, परिषद में डामर रोड बनाने की बात तय हुई, यह सडक़ पार्ट में नहीं बन सकती थी, इस कारण प्रक्रिया उलझ गई। फिर चौड़ीकरण को लेकर मामला अटका। अब शीघ्र पहल होगी।
प्रीति सूरी, महापौर।