मौमस विभाग के अनुसार अरब सागर में कम दबाव का क्षेत्र बना है, जिसके कारण एक सिस्टम पूर्व मध्यप्रदेश में सक्रिय हुआ, जिसके चलते कटनी व आसपास के इलाके में बारिश हुई है। कटनी तहसील क्षेत्र में अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई है। कृषि उपजकेंद्र पिपरौंध में स्थापित वर्षामापी यंत्र में 58 एमएम बारिश दर्ज की गई है, जबकि बरही में एमएम हुई है। इस बारिश के चलते न्यूनतम तापमान 22.3 डिग्री सेल्सियस व अधिकतम 28.3 डिसे रिकॉर्ड किया गया। हवा 9 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चली। कृषि मौसम वैज्ञानिक डॉ. संदीप कुमार चंद्रवंशी के अनुसार मंगलवार से मौसम खुलना शुरू हो जाएगा, हालांकि बादल छाए रहेंगे। रात के तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी, इसके चलते धीरे-धीरे ठंड पडऩा शुरू जाएगी।
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शहरवासियों को भी राहत
शहर में लगातार उड़ रही धूल और प्रदूषण की समस्या से लोग परेशान थे, लेकिन इस बारिश से सडक़ें साफ हो गईं और धूल के गुबार से निजात मिली। शहरवासियों ने बारिश से बड़ी राहत की सांस ली है। हालांकि कई जबगह पर मार्ग दलदल में तब्दील हो गए थे, जिससे लोगों को आवागमन में परेशानी हुई। सबसे ज्यादा समस्या महापौर की पहली प्राथमिकता वाली सडक़ जो दो साल से अधिक का कार्यकाल बीत जाने के बाद भी नहीं बन पाई, उसमें कीचड़ के कारण फिसलन बनी रही। लोगों को आवागमन में खासी परेशानी हुई। शहर के अन्य इलाकों में भी यही समस्या रही।
जिले में अब तक कुल 1074 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है, जबकि जिले में सामान्य रूप से औसत वर्षा 1124 मिलीमीटर होती है। इस बारिश से अब जिले की बारिश का आंकड़ा औसत के करीब पहुंच गया है। हालांकि, कुछ जगहों पर अधिक बारिश की स्थिति बनी हुई है। कटनी में 1279.6, रीठी में 1261.5, स्लीमनाबाद 12.33.3, ढीमरखेड़ा 1300.7 मिमी बारिश हो चुकी है। सबसे कम बारिश बरही, विजयराघवगढ़, बहोरीबंद तहसील में हुई है। कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इसी प्रकार थोड़ी-बहुत बारिश होती रही तो फसलों की उत्पादकता में वृद्धि हो सकती है। इस बारिश ने जहां किसानों को राहत दी है, वहीं शहर में प्रदूषण और धूल की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए भी यह बारिश एक वरदान साबित हुई है।