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कटनी जंक्शन में जन आहार केंद्र एक माह से ‘ताले में कैद’

Public food center closed in Katni station

कटनीDec 10, 2024 / 09:49 pm

balmeek pandey

Public food center closed in Katni station

ठेकाकंपनी ने बंद किया संचालन, नए ठेकेदार को काम देने चल रही प्रक्रिया, रेलवे प्रशासन की लापरवाही से यात्रियों की बढ़ रही मुश्किलें

कटनी. मुख्य रेलवे स्टेशन कटनी जंक्शन का जन आहार केंद्र पिछले एक माह से बंद पड़ा है, जिससे यात्रियों को भोजन और जलपान के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। यह केंद्र 18 नवंबर से बंद है। रेलवे ने इस केंद का ठेका अंबर फूड इटारसी को दिया था, लेकिन ठेकेदार ने बीच में ही ठेका छोड़ दिया।
रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक अंबर फूड इटारसी ने स्टेशन पर बिक्री कम होने का हवाला देते हुए ठेका चलाने में असमर्थता व्यक्त की और जन आहार केंद्र बंद कर दिया। हालांकि, यात्री इस तर्क को सिरे से खारिज करते हैं। यात्रियों का कहना है कि कटनी जंक्शन पर रोजाना 15-17 हजार यात्री यात्रा करते हैं और 50 से अधिक जोड़ी ट्रेनें रुकती हैं। इतनी बड़ी संख्या में यात्री होने के बावजूद ठेकेदार का सेलिंग कम होने का तर्क समझ से परे है।
नई फर्म को ठेका देने की प्रक्रिया में देरी
रेलवे ने अब पुणे की एक फर्म को ठेका देने की प्रक्रिया शुरू की है। टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, लेकिन दस्तावेज सत्यापन में देरी हो रही है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि यह प्रक्रिया पूरी होने में कम से कम एक और माह का समय लग सकता है। यात्रियों को तब तक वैकल्पिक सुविधा की कोई व्यवस्था नहीं दी गई है।
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पिछले और नए ठेके का मूल्य
अंबर फूड का ठेका 17 लाख 87 हजार रुपये में हुआ था। अब सूत्रों के अनुसार, रेलवे ने नए ठेके की राशि को कम कर दिया है। इस कारण भी ठेकेदारों की रुचि कम होती दिख रही है।
यात्रियों की बढ़ी समस्याएं
जन आहार केंद्र बंद होने के कारण यात्री अवैध वेंडरों से भोजन खरीदने को मजबूर हैं। कई बार इन्हीं अवैध वेंडरों द्वारा खराब गुणवत्ता का भोजन दिए जाने की शिकायतें भी आती रहती हैं। कुछ यात्री बाहर से ऑनलाइन ऑर्डर करके खाना मंगवा रहे हैं, लेकिन यह विकल्प महंगा साबित हो रहा है। लंबे सफर के दौरान स्टेशन पर भोजन और जलपान की कमी यात्रियों के लिए बड़ा सिरदर्द बन चुकी है।
प्रशासन की लापरवाही पर सवाल
रेलवे प्रशासन की इस समस्या पर उदासीनता भी यात्रियों को खटक रही है। यात्रियों का कहना है कि इतनी महत्वपूर्ण सुविधा बंद होने के बावजूद रेलवे ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। एक यात्री ने कहा कि हमारे जैसे लोगों के लिए स्टेशन पर जन आहार केंद्र बहुत जरूरी है। ठेकेदार के ठेका छोडऩे के बाद से हमें बहुत परेशानी हो रही है। रेलवे को जल्द से जल्द इसे शुरू करना चाहिए। यात्री संतोष चौबे ने कहा हम स्टेशन पर अवैध वेंडरों से भोजन खरीदने को मजबूर हैं, जो न केवल महंगा है बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी ठीक नहीं है। रेलवे प्रशासन को इस समस्या का समाधान जल्द करना चाहिए।”

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आखिर कब होगा समस्या का समाधान
यात्रियों की लगातार मांग के बावजूद रेलवे अभी तक जन आहार केंद्र की सुविधा बहाल नहीं कर पाया है। यदि दस्तावेज सत्यापन और नई फर्म के ठेका लेने में एक और माह लगता है, तो यात्रियों को इस असुविधा का सामना और लंबे समय तक करना पड़ेगा। रेलवे प्रशासन को इस समस्या को प्राथमिकता पर हल करने की आवश्यकता है। यात्रियों ने मांग की है कि जब तक नई फर्म का ठेका शुरू नहीं होता, तब तक वैकल्पिक व्यवस्था की जाए ताकि यात्रियों को कम से कम बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हो सकें।
वर्जन
जन अहार केंद्र का संचालन आइआरसीटी के माध्यम से होता है। उचित मुनाफा नहीं होने की बात कहते हुए पुराने ठेकेदार ने सरेंडर कर दिया है। नया ठेका देने के लिए टेंडर प्रक्रिया हो गई है। शीघ्र ही सेंटर चालू कराने के लिए आवश्यक पहल कराई जाएगी, ताकि समय पर यात्रियों को सुविधा मिलना शुरू हो जाए।
मधुर वर्मा, सीनियर डीसीएम रेलवे।

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