2010 में यह मिली थी स्वीकृति
केंद्र सरकार के (एचआरडी) मानव संसाधन विकास मंत्रालय से शहर में सिविल वर्ग के लिए एक केंद्रीय विद्यालय खोले जाने की मंजूरी साल 2010 में मिली थी। मानव संसाधन विकास मंत्रालय से अनुमति मिलने के बाद वहां से आई टीम ने सिविल लाइन स्थित आइटीआइ भवन का निरीक्षण किया था। चयनित स्थान पर स्कूल संचालित करने की व्यवस्था बनाने के लिए स्थानीय प्रशासन को जिम्मेदारी दी थी, लेकिन स्थानीय प्रशासन ने स्कूल खुलवाने को लेकर दिलचस्पी नहीं दिखाई थी और स्कूल खुलते-खुलते रह गया।
केंद्र सरकार के (एचआरडी) मानव संसाधन विकास मंत्रालय से शहर में सिविल वर्ग के लिए एक केंद्रीय विद्यालय खोले जाने की मंजूरी साल 2010 में मिली थी। मानव संसाधन विकास मंत्रालय से अनुमति मिलने के बाद वहां से आई टीम ने सिविल लाइन स्थित आइटीआइ भवन का निरीक्षण किया था। चयनित स्थान पर स्कूल संचालित करने की व्यवस्था बनाने के लिए स्थानीय प्रशासन को जिम्मेदारी दी थी, लेकिन स्थानीय प्रशासन ने स्कूल खुलवाने को लेकर दिलचस्पी नहीं दिखाई थी और स्कूल खुलते-खुलते रह गया।
कई साल तक चलती रही तलाश
वैश्विक महामारी कोविड के पहले तीन साल तक स्कूल खोल जाने का आश्वासन मिलता रहा। इसको लेकर कई बार स्कूल के चयन की प्रक्रिया चली। कभी साधूराम स्कूल तो कभी गुलाबचंद ए रविंद्रराव स्कूल में वैकल्पिक व्यवस्था को लेकर पहल होती रही। इसके अलावा स्कूल निर्माण के लिए जमीन की तलाश कभी कृषि उपज मंडी रोड में तो कभी झिंझरी में तलाश की जाती रही है। यह बात अलग यह है कि दावा और आश्वासन सपना बनकर ही रह गया था।
वैश्विक महामारी कोविड के पहले तीन साल तक स्कूल खोल जाने का आश्वासन मिलता रहा। इसको लेकर कई बार स्कूल के चयन की प्रक्रिया चली। कभी साधूराम स्कूल तो कभी गुलाबचंद ए रविंद्रराव स्कूल में वैकल्पिक व्यवस्था को लेकर पहल होती रही। इसके अलावा स्कूल निर्माण के लिए जमीन की तलाश कभी कृषि उपज मंडी रोड में तो कभी झिंझरी में तलाश की जाती रही है। यह बात अलग यह है कि दावा और आश्वासन सपना बनकर ही रह गया था।
स्कूलों की बदहाल स्थिति, शिक्षकों की लापरवाही से बिगड़ रहा भविष्य
पत्राचार का चलता रहा खेल
शहर में सेंट्रल स्कूल खोलने के लिए कलेक्टर को भवन व जमीन उपलब्ध कराने के लिए कई बार पत्र सेंटर स्कूल द्वारा लिखा गया था। पत्र को जिले के आला अधिकारियों ने ठंडे बस्ते में डाल दिया था। केंद्रीय विद्यालय के लिए वैकल्पिक भवन व जमीन की व्यवस्था करने की फाइल भी कलेक्ट्रेट में दबकर रह गई थी। बता दें कि शहर में सिविल वर्ग के लोग भी अपने बच्चों को केंद्रीय विद्यालय में पढ़ा सके, इसके लिए केंद्र सरकार के (एचआरडी) मानव संसाधन विकास मंत्रालय से शहर में सिविल वर्ग के लिए एक केंद्रीय विद्यालय खोले जाने की मंजूरी दी थी, जो सपना बनकर रह गया। अब नई स्वीकृति से लोगों में उम्मीद जागी है।
पत्राचार का चलता रहा खेल
शहर में सेंट्रल स्कूल खोलने के लिए कलेक्टर को भवन व जमीन उपलब्ध कराने के लिए कई बार पत्र सेंटर स्कूल द्वारा लिखा गया था। पत्र को जिले के आला अधिकारियों ने ठंडे बस्ते में डाल दिया था। केंद्रीय विद्यालय के लिए वैकल्पिक भवन व जमीन की व्यवस्था करने की फाइल भी कलेक्ट्रेट में दबकर रह गई थी। बता दें कि शहर में सिविल वर्ग के लोग भी अपने बच्चों को केंद्रीय विद्यालय में पढ़ा सके, इसके लिए केंद्र सरकार के (एचआरडी) मानव संसाधन विकास मंत्रालय से शहर में सिविल वर्ग के लिए एक केंद्रीय विद्यालय खोले जाने की मंजूरी दी थी, जो सपना बनकर रह गया। अब नई स्वीकृति से लोगों में उम्मीद जागी है।
झिंझरी में होगा निर्माण
नए केंद्रीय विद्यालय का निर्माण झिंझरी में गल्र्स कॉलेज के समीप होगा। यहां पर जमीन प्रशासन व राजस्व विभाग के द्वारा चिन्हित की गई है। एसडीएम ने बताया कि गल्र्स कॉलेज के समीप शासकीय जमीन है। पांच एकड़ भूमि पर केंद्रीय विद्यालय बनाए जाने के लिए प्रस्तावित है।
नए केंद्रीय विद्यालय का निर्माण झिंझरी में गल्र्स कॉलेज के समीप होगा। यहां पर जमीन प्रशासन व राजस्व विभाग के द्वारा चिन्हित की गई है। एसडीएम ने बताया कि गल्र्स कॉलेज के समीप शासकीय जमीन है। पांच एकड़ भूमि पर केंद्रीय विद्यालय बनाए जाने के लिए प्रस्तावित है।
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भविष्य के लिए साबित होगा मील का पत्थर: सांसद
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं खजुराहो सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि जिलेवासी लंबे समय से नए केंद्रीय विद्यालय की मांग करते आ रहे थे। कटनी में रेलवे, आयुध संस्थान का सेंट्रल स्कूल थे, लेकिन इसमें सामान्य जन के बच्चों को प्रवेश मिलने में परेशानी होती थी। अब इस तीसरे केंद्रीय विद्यालय के खुलने से आम जन को इसका सीधा लाभ मिलेगा। सांसद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय कैबिनेट द्वारा मेरे संसदीय क्षेत्र खजुराहो और कटनी (झिंझरी) समेत मध्य प्रदेश में कुल 11 केंद्रीय विद्यालय खोलने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया। खजुराहो संसदीय क्षेत्र में केंद्रीय विद्यालय की मांग को लेकर मैंने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से आग्रह किया था।
भविष्य के लिए साबित होगा मील का पत्थर: सांसद
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं खजुराहो सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि जिलेवासी लंबे समय से नए केंद्रीय विद्यालय की मांग करते आ रहे थे। कटनी में रेलवे, आयुध संस्थान का सेंट्रल स्कूल थे, लेकिन इसमें सामान्य जन के बच्चों को प्रवेश मिलने में परेशानी होती थी। अब इस तीसरे केंद्रीय विद्यालय के खुलने से आम जन को इसका सीधा लाभ मिलेगा। सांसद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय कैबिनेट द्वारा मेरे संसदीय क्षेत्र खजुराहो और कटनी (झिंझरी) समेत मध्य प्रदेश में कुल 11 केंद्रीय विद्यालय खोलने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया। खजुराहो संसदीय क्षेत्र में केंद्रीय विद्यालय की मांग को लेकर मैंने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से आग्रह किया था।
वर्जन
झिंझरी में केंद्रीय विद्यालय के स्वीकृति की जानकारी व सूची प्राप्त हुई है। इसके लिए झिंझरी में जमीन पूर्व से चिन्हित है। स्कूल संचालन को लेकर जो भी दिशा-निर्देश प्राप्त होंगे, उसके आधार पर आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
दिलीप कुमार यादव, कलेक्टर।
झिंझरी में केंद्रीय विद्यालय के स्वीकृति की जानकारी व सूची प्राप्त हुई है। इसके लिए झिंझरी में जमीन पूर्व से चिन्हित है। स्कूल संचालन को लेकर जो भी दिशा-निर्देश प्राप्त होंगे, उसके आधार पर आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
दिलीप कुमार यादव, कलेक्टर।