कटनी

PM Awas: इस शहर में गरीबों के आशियाने का सपना कैसे होगा पूरा, जब जारी है नगर निगम की ऐसी बेपरवाही

– झुग्गी-झोपड़ी और कच्चे मकानों में जिंदगी काटने वाले गरीबों के लिए मोदी सरकार द्वारा पक्के आशियाने का सपना पूरा किया जा रहा है, लेकिन सरकार की इस बड़ी योजना में नगर निगम बेपरवाह बना हुआ है।
– इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दिसंबर 2019 तक योजना के तहत झिंझरी और प्रेमनगर में बन रहे आवासों को शतप्रतिशत पूरा करना था। 4300 से अधिक आवास का निर्माण कराया जाना है।
– हैरानी की बात तो यह है कि अभी तक 30 फीसदी काम भी पूरा नहीं हुआ।

कटनीAug 16, 2019 / 01:08 pm

balmeek pandey

Negligence of Municipal Corporation katni in Pm Awas Construction

कटनी. झुग्गी-झोपड़ी और कच्चे मकानों PM Awas में जिंदगी काटने वाले गरीबों के लिए मोदी सरकार द्वारा पक्के pm awas yojna आशियाने का सपना पूरा किया जा रहा है, लेकिन सरकार की इस बड़ी योजना में Prime Minister Housing Construction नगर निगम बेपरवाह बना हुआ है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दिसंबर 2019 तक योजना के तहत झिंझरी और प्रेमनगर में बन रहे आवासों को शतप्रतिशत पूरा करना था। 4300 से अधिक आवास का निर्माण कराया जाना है। हैरानी की बात तो यह है कि अभी तक 30 फीसदी काम भी पूरा नहीं हुआ। ठेकेदार कल्याण इन्फ्रॉस्ट्रक्चर, बीआर कंस्ट्रक्शन द्वारा आवास बनवाए जा रहे हैं। निर्माण की गति धीमी होने के बाद भी नगर निगम व जिला प्रशासन ठेकेदारों पर मेहरबान है। हैरानी की बात तो यह है कि नगर निगम आयुक्त से लेकर कलेक्टर मॉनीटरिंग कर रहे हैं, इसके बाद भी काम में कोई खास प्रगति नहीं दिख रही। लिहाजा गरीबों को इस साल की बारिश भी झुग्गी-झोपड़ी में ही गुजारनी पड़ रही है।

 

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यह है निर्माण की स्थिति
फेज वन में झिंझरी गुलवारा रोड के किनारे पीएम आवासों का निर्माण कराया जा रहा है। यहां पर 792 इडब्ल्यूएस (इकोनॉमी वीलर सेक्शन) आवास बनने हैं, अभी तक 216 का ही निर्माण शुरू हो पाया है, 384 एलआइजी (लोकल इन्कम ग्रुप) के निर्माणाधीन हैं। इसी तरह 338 एमआइजी (मीडियम इन्कम ग्रुप) वालों के लिए बनने हैं, हालांकि ये दोनों निर्माणाधीन हैं। फेज 2 में प्रेमनगर में आवासों का निर्माण चल रहा है। इसमें 1744 इडब्ल्यू बनने हैं, जिनमें से 1400 पर काम शुरू हो पाया है। 1056 एलआइजी में से महज 400 का ही निर्माण प्रारंभ हुआ है।

 

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यह बता रहे विलंब की वजह
नगर निगम के अधिकारी निर्माण की धीमी गति का जिम्मा राजस्व और प्रशासन के सिर मढ़ रहे हैं। जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि पीएम आवास के लिए जमीन मिले में देरी हुई है। इस वजह से आवासों का निर्माण देरी से शुरू हुआ। अधिकारियों का कहना है कि जमीन आवंटन और रूपांतरण 2018 में हुआ है।

खास-खास:
– 1758 को पीएम आवास की स्वीकृति स्व निर्माण के लिए हुई है, अभी तक 1644 को पहली, 1644 को दूसरी, 465 को ही तीसरी किश्त हो पाई है जारी।
– परिषद की बैठक में पीएम आवास एलॉटमेंट की प्रक्रिया पूरी की जानी थी, लेकिन विपक्ष के हंगामे से नहीं हो पाई चर्चा।
– नगर निगम में आवेदन व राशि जमा करने वालों को लॉटरी के बाद आवास बेचे जाने की पूरी होनी है प्रक्रिया।
– नगर निगम के कर्मचारियों की गलती से कई हैं योजना से वंचित, किरायेदार व कच्चे मकान वालों के यहां बता दिया है पक्का मकान।

इनका कहना है
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवासों का निर्माण जारी है। काम में तेजी लाने के लिए ठेकेदारों को निर्देश जारी किए गए हैं। सतत समीक्षा कर कार्य में तेजी लाई जाएगी।
आरपी सिंह, आयुक्त नगर निगम।

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