गमगीन माहौल में निभाई जिम्मेदारी
प्रकाशवती जैन का निधन हो गया, और परिवार के सदस्यों, ग्रामीणों की उपस्थिति में, लक्ष्मी जैन ने अपने परिवार की सहमति से गमगीन माहौल में अपनी नानी को मुखाग्नि दी। उनके इस निर्णय से उनके परिवार वाले भी सहमत रहे। इस कर्तव्य को निभाते हुए उन्होंने बेटे का फर्ज पूरा किया है। लोगों ने कहा कि अब पुरानी परंपरा नहीं रहीं, बेटियों भी बेटों से कम नहीं हैं। इस घटना ने न केवल उनके परिवार को गहरे सम्मान के साथ भर दिया है, बल्कि समाज में एक उदाहरण भी पेश किया है, जो बताता है कि पारिवारिक कर्तव्य निभाने में महिला-पुरुष के भेद का कोई बंधन नहीं है।