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कटनी

नगर परिषद बैठक: पक्ष-विपक्ष ने नगर सरकार को घेरा, एमआइसी सदस्यों ने कह दी बड़ी बात

nagar nigam meeting in katni

कटनीDec 07, 2024 / 12:35 pm

balmeek pandey

Sterilization operations are failing

Sterilization operations are failing

नगर सम्मिलन: बैठक में आउटसोर्स कर्मचारियों का उठा मुद्दा, नीतिगत निर्णय को परिषद में लाने चर्चा
कई मुद्दों पर जमकर हुआ विरोध, पक्ष-विपक्ष सहित एमआइसी सदस्यों की झलकी पीड़ा, खुलकर की बयां
अधिकारियों की मनमानी पर उठे सवाल, 142 दिन के बाद हुई नगर परिषद की बैठक

कटनी. नगर निगम का सम्मिलन 142 दिन बाद शुक्रवार को आयोजित हुआ। यह सम्मिलन राजनीतिक प्रतिद्वंदिता की भेंट चढ़ा रहा। शुरुआती दौर से ही नगर सरकार पर पक्ष और विपक्ष हावी रहा। विपक्ष से ज्यादा सत्तापक्ष से भाजपा पार्षदों ने उपेक्षा के जमकर आरोप मढ़े तो वहीं महापौर की मेयर इन काउंसिल के सदस्यों ने भी कई मामलों पर सवाल खड़े कर दिए। इस दौरान कार्यालय में पार्षदों की उपेक्षा का मुद्दा छाया रहा। विपक्ष ने जमकर अफसरों को घेरा। नगर परिषद की बैठक में विधायक ने भी जमकर अफसरों को फटकारा और विकास कार्य को लेकर चल रही बेपरवाही पर तंज कंसा। आयुक्त नीलेश दुबे और महापौर प्रीति सूरी की अनुपस्थिति का मुद्दा छाया रहा। इस दौरान प्रश्नकाल लंबा खिचा और भ्रष्टाचार, मनमानी का मुद्दा छाया रहा। नगर निगम अध्यक्ष ने सदन की आसंदी से नगर निगम के अधिकारियों को हिदायत दी कि तत्काल मनमानी पर रोक लगाएं और पार्षदों की सुनवाई हो, शहर विकास में निर्णय लिए जाएं।
कष्ट देने के अलावा कोई काम नहीं हो रहा:मिथलेश
वरिष्ठ पार्षद मिथलेश जैन ने कहा आउटसोर्ट कर्मचारियों को बाहर निकाले जाने से शहर में सफाई व्यवस्था बिगड़ी है, वित्तीय स्थिति बेहद खराब है, लगातार एफडी तोड़ी जा रही हैं, उपायुक्त को हालत सुधारने भेजा गया है। कई निर्णय जो एमआइसी ने ले लिए हैं, वे नीतिगत हैं, उन्हें परिषद में आना चाहिए थे। अफसर एमआइसी से कुछ भी करा रहे हैं। यहां पर सीधे-साधे लोग बैठे हैं। दो-दो माह तक परिषद बैठक की फाइल लंबित रहती है। आयुक्त लिखकर कह दें हमें परिषद की बैठक से कोई लेना देना नहीं है। बैठक में अधूरी तैयारी के साथ पहुंचे अफसरों के लिए कहा कि उपायुक्त तीन दिन से आयुक्त के प्रभार पर हैं, तो क्या तैयारी की है। इस पर उपायुक्त ने कहा कि विभागीय बैठक को लेकर अधिकारियों को परिषद की बैठक के संबंध में तैयारी करने निर्देश दिए गए थे। पार्षद ने प्रभारी आयुक्त को कहा कि लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर क्या कार्रवाई करेंगे, क्या आप भी मिले हुए हैं।
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नहीं दी गई ऐजेंडों की संक्षेपिका: मौसूफ
बैठक की शुरुआत होते ही पार्षद मौसूफ अहमद ने कहा कि बैठक में आयुक्त न महापौर, उनकी मौजूदगी के बिना क्या चर्चा होगी। आखिर ऐसी क्या बात है कि परिषद की बैठक से बचा जा रहा है। इस मामले में अलग-अलग पत्र सामने आ रहे हैं। मौसूफ ने कहा कि बैठक के पहले एजेंडे की संक्षेपिता तक मुहैया नहीं कराई गई।
प्रश्नों का जवाब कौन देगा
पार्षद राजेश भास्कर ने कहा कि उनके पत्रों पर क्या कार्रवाई की गई, अधिकारी यहं बताएं। जब बैठक में महापौर नहीं हैं तो प्रश्नों का जवाब कौन देगा।पार्षद क्षेत्र के विकास के लिए पत्र लिखते हैं, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है। पार्षदों की बड़ी वेदना है, इस पर अध्यक्ष ने कहा कि बैठक में महापौर नहीं हैं, इसलिए इस विषय पर अगली बैठक में चर्चा कराई जाएगी।
12 पार्षदों ने लिखी व्यथा
पार्षदों द्वारा लगाए गए प्रश्नों का वाचन निगम सचिव ने किया जिसमें सत्तापक्ष, विपक्ष के पार्षदों की व्यथा थी। इस पर मिथलेश जैन ने कहा कि इन पक्ष की भावना बता रही है कि किसी पार्षद की सुनवाई नहीं हो रही। शहर में टेंडर व वर्क ऑर्डर होने के बाद काम नहीं हो रहे, जनप्रतिनिधी प्रकोष्ठ आजतक प्रभावी नहीं हुआ। मेरे द्वारा 15 पत्राचार किए गए, उनके बारे में क्या कार्रवाई की गई, आजतक नहीं बताया गया। आवक-जावक में पत्र पड़े रहते हैं।

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बैठक को लेकर खास-खास

  • बारिशकाल में शहर में विचरण करने वाले निराश्रित गौवंश के मुद्दे को पार्षद मौसूफ अहमद ने उठाया, कहा बूचडख़ाने से खराब रही है कांजीहाउसों की स्थिति, उपायुक्त ने कहा कि की गई है जुर्माने व एफआइआर की कार्रवाई, अध्यक्ष ने निरीक्षण कर व्यवस्था देखने कही बात।
  • पार्षदों ने कहा कि अधिकारियों के चेम्बर में ठेकेदारों का बोलबाला, खड़े रहते हैं पार्षद, वार्डों में भूमिपूजन की भी नहीं दी जा रही सूचना, अध्यक्ष ने कहा कि बगैर सूचना के क्यों होते हैं कार्यक्रम।
  • पार्षद मिथलेश जैन ने कहा कि एमएडब्ल्यू के खिलाफ क्यों नहीं हो रही कार्रवाई, पार्षद सुखदेव चौधरी ने कहा कि नगर निगम में पार्षदों के बैठने व महिला पार्षदों के लिए हो इंतजाम।
  • एमआइसी सदस्य अवकाश जायसवाल ने कहा क्षेत्र में कराए जाने वाले कार्यों की नहीं दी जाती जानकारी, इंजीनियर को भी नहीं रहती जानकारी, ठेकेदारों की चल रही है मनमानी, अध्यक्ष से कहा कि पार्षदों को दिलाए जाएं उनके अधिकार।
  • पार्षद विनोद यादव ने कहा कि नगर निगम में जारी है मनमानी, महापौर के कक्ष में बैठते हैं बाहरी लोग, उनके वार्ड में कार्य करने से अधिकारियों को करते हैं मना, मौसूफ ने कहा कि सत्तापक्ष के ही पार्षद हैं पीडि़त।
  • वार्ड के पार्षदों को क्षेत्र के अधिकारी, टैक्स कलेक्टर सहित अन्य कर्मचारियों की सूची भेजने दिए निर्देश।
  • इस दौरान पार्षद विनोद यादव ने विधायक संदीप जायसवाल से कहा कि आप कह रहे थे जब कोई नहीं सुनेगा तो मैं दरवाजा तोडूंगा, अब आपकी जरुरत है, इस विधायक ने कहा कि वाकई में अब अति हो रही है, मुझे आगे आना पड़ेगा।
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आउटसोर्स का छाया रहा मुद्दा
परिषद की बैठक में आउटसोर्स कर्मचारियों का मुद्दा छाया रहा। बड़ा भंडाफोड़ होने के बाद 856 कर्मचारियों को हटा दिया गया था, लेकिन सितंबर माह में 340 कर्मचारियों को एमआइसी की स्वीकृति से पुन: रखा गया, लेकिन यह मुद्दा छाया रहा। पक्ष-विपक्ष ने सवाल खड़े किए यह यह नीतिगत मामला था, तो फिर एमआइसी ने कैसे स्वीकृति दे दी और शेडेमेप को काम दे दिया। पार्षद मिथलेश जैन ने भी कहा कि यह नीतिगत निर्णय है, एमआइसी को परिषद में मामला रखना था। इस पर अधिकारी गोलमोल जवाब देते रहे। मिथलेश जैन ने कहा कि ऐसे ठेकेदार को काम दिया जा रहा जो पहले से ही चर्चाओ में है। पार्षद राजेश भास्कर से खुली निविदा से प्रक्रिया अपनाने कहा। इस पर अध्यक्ष ने कहा कि जब यह परिषद का मुद्दा था तो यहां पर क्यों नहीं आया। इसे निरस्त किए जाने मांग उठी। आयुक्त पर मनमानी के आरोप लगे। अध्यक्ष ने कहा कि ऐसे मामलों में क्या महापौर अकेले निर्णय ले लेंगी। निरस्त करते हुए परिषद में लाया जाए।
पार्षदों ने मढ़े उपेक्षा के आरोप
बैठक में पार्षदों ने शासकीय कार्यक्रम में न बुलाए जाने व सूचना न देने पर उपेक्षा के आरोप मढ़े। मिथलेश जैन ने कहा कि क्षेत्र के पार्षदों को सूचना अवश्य दें। इस पर अध्यक्ष ने भी कहा कि एमआइसी हाल व कक्ष में बैठक कर लेते हैं, सभी को लिखित सूचना दें। प्रधानमंत्री आवास योजना के आवंटन पर प्रभारी सहायक यंत्री अनिल जायसवाल से पूछा गया कि पार्षदों को सूचना क्यों नहीं दी गई। आप लोगों द्वारा बगैर बिजली कनेक्शन व पानी के आवंटन किया गया है, क्या यह उचित है। लोगों को किराया, ब्याज की मार झेलनी पड़ रही है, वे वहां पर रह नहीं पा रहे। मिथलेश जैन ने कहा कि डीपीआर में ट्रांसफार्मर को क्यों नहीं शामिल किया गया।
सुर्खियों में रहे ये मामल

  • एमआइसी सदस्य शशिकांत तिवारी ने कहा कि आउटसोर्स मामले में दर्ज कराई थी आपत्ति, वह मिनिट्स में नहीं।
  • अध्यक्ष ने कहा कि शिब्बू साहू कह रहे हं कि आउटसोर्स कर्मचारी रखे जाने का निर्णय एमआइसी का नहीं।
  • अध्यक्ष के निर्देश पर आउटसोर्स को लेकर पढ़े गए एमआइसी के मिनिट्स, 156 की भर्ती भी रही चर्चाओं में।
  • मिथलेश जैन ने कहा कि एमआइसी को आयुक्त ने यह अवगत नहीं कराया कि आउटसोर्स कर्मचारियों को रखना नीतिगत मामला है।
  • पार्षद सुखदेव चौधरी ने कहा कि नगर निगम द्वारा की जा रही उपेक्षा, वार्ड में गंदगी है, नहीं हो रहे विकास कार्य, लोग कह रहे पार्षद लायक नहीं हो।
  • बल्ली सोनी ने स्वच्छता निरीक्षक को वार्ड से हटाने की मांग, उपायुक्त को हटाने के लिए अध्यक्ष ने दिए निर्देश।
  • पार्षद श्याम पंजवानी, प्रभा गुप्ता, ईश्वर बहरानी, मौसूफ अहमद, अर्चना जायसवाल, सरला मिश्रा आदि ने वार्डों में बताई कर्मचारियों की कमी।
  • अध्यक्ष ने अधिकारियों को कहा कि आप लोग जानबूझकर अधिकारियों को परेशान कर रहे हैं क्या, चल क्या रहा है यह सब।
  • काम न करने वाले कर्मचारियों की भी हाजरी भरे जाने का उठा मुद्दा, पार्षदों ने कहा कि हर दिन दो से तीन कर्मचारी रहते हैं गायब।
  • पार्षद श्याम पंजवानी ने कहा कि सुनवाई न होने से कुछ पार्षद मिलकर करेंगे वार्डों की सफाई।
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रोड स्वीपिंग मशीन रही चर्चाओं में
नगर निगम द्वारा 98 लाख रुपए से खरीदी गई रोड स्वीपिंग मशीन चर्चाओं में रही। पार्षद मिथलेश जैन ने कहा कि बगैर परिषद की स्वीकृति के क्रय की गई, वह चल भी नहीं रही। अध्यक्ष ने भी कहा कि कहां चल रही है यह मशीन अधिकारी बताएं। मौसूफ अहमद ने कहा कि अपातकाल जैसी स्थिति है, विधायक आप संरक्षक हैं, बताएं क्या करें। 277 सफाई कर्मचारियों के सत्यापन में न पहुंचने के मामले को पार्षद राजेश भास्कर ने उठाया। कहा बंगलों में कर्मचारी कर रहे काम। सफाई व्यवस्था को लेकर एमआइसी सदस्य शिब्बू साहू ने 7 दिवस में व्यवस्था सुधारने कही बात।
लोग बाहर से नगर निगम चला रहे: विधायक
परिषद की बैठक में विधायक ने पुरुष व महिलाओं के लिए अलग से प्रसाधन की व्यवस्था करने, पुरवार स्कूल निर्माण होने तक स्कूल का संचालन पुरानी आइटीआई में कराने कहा। दुबे कॉलोनी में शनि मंदिर में कार्य के लिए आए ढाई करोड़ रुपए के मामले में इंजीनियर जेपी बघेल को कहा कि इंजीनियर भगवान के बनाए हो, फंसते हो तो फिर रोते हो। चौपाटी के लिए 3 करोड़ मिले, डिमांड देरी से भेजी तो राशि लैप्स हो गई। खेल मैदान के लिए ढाई करोड़ आए हैं। जो लोग नगर निगम को बाहर से चला रहे हैं वे अपना नुकसान करा रहे हैं। हेमू कलाणी में विकास कार्य के लिए राशि आई है, उसके स्थल चयन को लटकाकर रखे हैं। विधायक निधी के टेंडर जारी नहीं हुए। 12 करोड़ के काम ठंडे बस्ते में पड़े हैं। 5 करोड़ रुपए और आने वाले हें। शासन का आया हुआ पैसा लौट रहा है। अधिकारी यह बताएंगे कि बिना नजूल की स्वीकृति के कैसे काम लगा दिए। राजीव गांधी शॉपिंग कॉम्पलेक्स में क्या कर रहे हैं, अपनी संपत्ति को तो कम से कम सुरक्षित करो।

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