चार साल में बदली तस्वीर
बता दें कि बरही कॉलेज की चार साल में तस्वीर बदली है। बरही कॉलेज में 2015 में सितंबर माह से डॉ. आरके वर्मा ने प्राचार्य की कुर्सी संभाली है। इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार के साथ बेहतर गार्डन तैयार किया, जिले के पहला महाविद्यालय है जहां पर कैंटीन व 55 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। ई-लाइब्रेरी है। यहां पर बच्चा अपने सिस्टम पर बैठकर दुनिया कि किसी भी लाइब्रेरी की पुस्तक पढ़ रहा है। जिले में पहली बार डे्रस कोड 2017 में लागू किया गया जो जिले के लिए नवाचार था और फिर सभी कॉलेजों ने इसका अनुशरण किया। जिम सेंटर और स्पोट्र्स एक्टिविटी में बरही कॉलेज बेहतर स्थान पर मिला।
ए और बी ग्रेडिंग से होगा फायदा
नैक यूजीसी ने माना कि बरही कॉलेज ऐसी स्थिति में आ गया है जिसका नैक एससमेंट होना चाहिए। एसएसआर ने मार्किंग की और नैक कराने की अनुमति दी। पास होने पर पियर टीम को भेजा है। ग्रेडिंग मिलने से महाविद्यालय से यूजीसी से बेहतर अनुदान मिलेगा जिससे इन्फ्रास्ट्रक्चर व शैक्षणिक स्तर में और भी सुधार होगा। बता दें कि सी ग्रेड मिलने पर अनुदान प्राप्त नहीं होगा। डी ग्रेडिंग में फिर से मूल्यांकन कराना होगा। ए और बी ग्रेडिंग मिलने पर कॉलेज का बड़ा फायदा होगा।
जैविक खेती के घटकों का किया अवलोकन
शासकीय महाविद्यालय बरही जिला कटनी में उच्च शिक्षा विभाग की 3 सदस्यीय नैक की टीम 2 दिन के लिए ग्रेड निर्धारण के लिए मूल्यांकन करने पहुंची है। टीम कॉलेज का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। टीम ने स्वामी विवेकानंद कॅरियर मार्गदर्शन योजना के तहत छात्रों को स्वरोजगार एवं स्वाववलंबन के लिए दिए गए प्रशिक्षण का मूल्यांकन एवं जैविक घटकों का अवलोकन किया। जिसके अंतर्गत केंचुआ खाद, टटिया नाडेप खाद, मटका खाद, जीवामृत तथा जैविक कीट नाशकों में गौमूत्र, गौमूत्र नीम पत्ती, पांच पत्ती काढ़ा का अवलोकन कराया। कम लागत अधिक उत्पादन तकनीकी की जानकारी प्रशिक्षक रामसुख दुबे ने दिया। भ्रमण के समय प्राचार्य डॉ. आरके वर्मा, प्रशिक्षण प्रभारी डॉ. एसएस धुर्वे एवं कैलाश कचेर एवं स्टॉफ उपस्थित रहा।