शहर और जिले में इस योजना के तहत अब तक 5059 लोगों ने पट्टा पाने के लिए आवेदन किया है। इनमें से नजूल शाखा में 4430 प्रकरण दर्ज हुए हैं। इस योजना का क्रियान्वयन धीमी गति से होने के कारण, लोगों के पट्टे पाने की उम्मीदें धूमिल होती जा रही हैं। 30 सितंबर 2024 तक की रिपोर्ट के अनुसार 5059 आवेदनों में से केवल 399 प्रकरणों को ही मंजूरी दी गई है, जबकि 1193 आवेदनों को कलेक्टर द्वारा अस्वीकृत कर दिया गया है। जिन लोगों के आवेदन रद्द हुए हैं, उनकी चिंता बढ़ गई है।
इसलिए रद्द हुए प्रकरण
कलेक्टर द्वारा 1193 प्रकरण अस्वीकृत कर दिए गए हैं। इसकी मुख्य वजह यह है कि जिन अधिकांश लोगों ने माधवनगर क्षेत्र में नजूल भूमि पर आवेदन किया है, उनके पिता, दादा को पहले ही पट्टा मिल चुका है। या फिर जिस व्यक्ति को पट्टा मिला था, वह व्यक्ति जमीन को बेच चुका है। शासकीय रिकॉर्ड में पहले से आवंटन की स्थिति प्रदर्शित होने के कारण इतनी बड़ी संख्या में पट्टे के आवेदनों को अस्वीकृत कर दिया गया है।ये भी जानिए
3870 तहसीलदार, अति. तहसीलदार व नायब को जांच के लिए भेजे प्रकरण। 1764 प्रकरण तहसीलदार व नायब तहसीलसार के पास जांच के लिए शेष। 2449 बची है जांच के बाद प्रकरणों की संख्या, 319 में होगी पुन: जांच। 2063 प्रकरण भेजे गए हैं अबतक रीडर शाखा के लिए। 184 नजूल शाखा में बचे हैं शेष धारणाधिकार के प्रकरण।