अब कटनी को ही लें तो यहां पिछले कई दिनों से मौसम में हुए बदलाव के चलते हुई बारिश ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। कइयों के घरों के छप्पर उड़ गए। पेड़ टूट कर घरों पर गिर गया। इतना ही नहीं बुधवार और गुरुवार को हुई बारिश में खेतों में खड़ी मूंग की फसल पूरी तरह से चौपट हो गई है।
बता दें कि गर्मी के मौसम में ढीमरखेड़ा और बहोरीबंद के किसान मूंग की खेती करते हैं। उनका कहना है कि जो फसल पक गई है वह धूप लगते ही चिटक जाएगी। कटाई के दौरान खेत में ही बिखर जाएगी। पक्की फसलों में अंकुरण आ जाएगा। उऩ्होंने कहा कि करीब 50 फीसदी मूंग की फसल पक चुकी है। हममें से कुछ ने तो कटाई भी शुरू कर दी थी।
वहीं उप संचालक कृषि केएल कोष्टा ने बताया कि बारिश के चलते फसल को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। है। उतनी तेज बारिश नहीं हुई है। हालांकि उनके पास इसका आंकड़ा नहीं कि जिले के कितने रकबे में मूंग की खेती होती है।
वहीं उप संचालक कृषि केएल कोष्टा ने बताया कि बारिश के चलते फसल को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। है। उतनी तेज बारिश नहीं हुई है। हालांकि उनके पास इसका आंकड़ा नहीं कि जिले के कितने रकबे में मूंग की खेती होती है।