रिश्वत लेते बाबू रंगेहाथों गिरफ्तार
तहसील न्यायालय में रिश्वत लेते पकड़ाए बाबू का नाम उमेश निगम है जिसने जमीन नामांतरण को लेकर फरियादी दिलराज अग्रवाल से रिश्वत 1 लाख 50 हजार रुपए की मांग की थी। फरियादी दिलराज ने बताया कि उसने सिजहरा गांव की अपनी जमीन बेची थी। लेकिन खरीदार ने उसे पूरे रुपये नहीं दिए थे इसलिए उसने नामांतरण रुकवाने के लिए उसने तहसील न्यायालय में अपील की थी। इसी के एवज में उमेश निगम द्वारा रुपयों की मांग की गई थी। जिसकी शिकायत फरियादी दिलराज ने सबूत के साथ जबलपुर लोकायुक्त के साथ की थी। जिस पर कार्रवाई करते हुए लोकायुक्त टीम ने रिश्वत के 50 हजार रुपए लेकर फरियादी को रिश्वतखोर बाबू उमेश निगम के पास पहुंचा और रिश्वत के पैसे लेते हुए रंगेहाथों गिरफ्तार कर लिया।
शादीशुदा भतीजी से हुआ फूफा को प्यार, फिर जो हुआ जानकर रह जाएंगे हैरान
पटवारी ने भी रिश्वत, मौके से भागा
फरियादी दिलराज सिंह ने बताया कि रिश्वत के इस खेल में पटवारी शिव प्रसाद पाठक भी शामिल था और वो उससे पहले भी 10 हजार रुपए की रिश्वत ले चुका था। लेकिन लोकायुक्त के जाल में फंसने से पहले ही पटवारी मौके से भाग निकला। बताया जा रहा है कि जैसे ही लोकायुक्त की टीम कार्रवाई करने पहुंची तो तहसील परिसर में हड़कंप मच गया और कुछ ही देर में कार्यालय से राजस्व महकमा गायब हो गया।