बांधवगढ़ नेशनल पार्क व जबलपुर वेटरनिटी के डॉक्टरों की टीम के आने पर शुक्रवार दोपहर रेस्क्यू किया गया और जाल के माध्यम से शावक को पकड़ा गया। तेंदुए की करीब 7 से 8 माह के बीच है। तेंदुए की हालत कमजोर है। प्राथमिक जांच हाइपर थर्मिया होना सामने आया है। संभवत: किसी इंफेक्शन की वजह से ऐसा हुआ है। उसे साधारण जाल से पकड़ कर पिंजरे में रखा गया है। मौके पर ही इलाज कर मुकुंदपुर ले जाया गया है वहीं उसका इलाज होगा। रेस्क्यू करने वाली टीम में बांधवगढ़ नेशनल पार्क के डॉ. राजेश तोमर, विटरनिटी जबलपुर से डॉ. काजल जाधव, विजयराघवगढ़ रेंजर विवेक जैन, बीट गार्ड रोहित मिश्रा, बलभद्र दुबे, जयप्रकाश पांडे, खालिक मोहम्मद, राजेन्द्र पाठक सहित अन्य शामिल रहे।
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मां सहित दो शावकों का है मूवमेंट
वनविभाग के अफसरों ने बताया कि क्षेत्र के जंगल में तेंदुआ का मूवमेंट होता है। यहां मादा तेंदुआ सहित उसके दो शावकों का मूवमेंट था। शनिवार को एक जानवर का भी शिकार तेंदुआ ने किया था। संभावना है कि शावक के बीमार होने पर मां ही उसका परित्याग कर आगे बढ़ गई है और शावक अकेला रह गए। रातभर निगरानी के बाद भी आसपास तेंदुआ मां व एक अन्य शावक का मूवमेंट नहीं हुआ।
मां सहित दो शावकों का है मूवमेंट
वनविभाग के अफसरों ने बताया कि क्षेत्र के जंगल में तेंदुआ का मूवमेंट होता है। यहां मादा तेंदुआ सहित उसके दो शावकों का मूवमेंट था। शनिवार को एक जानवर का भी शिकार तेंदुआ ने किया था। संभावना है कि शावक के बीमार होने पर मां ही उसका परित्याग कर आगे बढ़ गई है और शावक अकेला रह गए। रातभर निगरानी के बाद भी आसपास तेंदुआ मां व एक अन्य शावक का मूवमेंट नहीं हुआ।