खास-खास
वाट्सएप ग्रुप में प्रतिदिन के कार्य की प्रगति करनी होगी अपडेट।
सूखे और गीले कचरे के डस्टविन में लगाना होगा खास स्टीकर।
खुले तार, बोर्ड, ठीक करके, एनजीटी आदेश की बनेगी वेबसाइट।
स्टेशनों को करानी पड़ेगी एनजीटी के तहत वॉटर एवं एनर्जी ऑडिट।
इनका कहना है- स्टेशन परिसरों को साफ-सुथरा बनाने, प्रदूषण मुक्त करने सहित जल संरक्षण की दिशा में यह पहल शुरू की गई है। तीन माह के अंदर सभी स्टेशन प्रबंधकों को एनजीटी के मानकों पर खरा उतरने के लिए निर्देश दिए गए हैं। -डॉ. मनोज सिंह, डीआरएम