बता दें कि, कटनी की आयुध निर्माणी में बनने वाले उत्पाद को सबसे पहले गोला-बारूद फैक्ट्री किरकी और आर्डिनेंस फैक्ट्ररी वरणगांव भेजे जाएंगे, यहां से इनका निर्यात अमेरिका किया जाएगा। आयुध निर्माणी के निरीक्षण के दौरान यन्त्र इंडिया लिमिटेड के निदेशक/आपरेशन ए.एन. श्रीवास्तव का कहना है कि, आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत वायआईएल की सभी रक्षा उत्पादन इकाईयां स्वदेशीकरण की दिशा में नए उत्पादों के विकास को आगे बढ़ा रही हैं। कंपनी द्वारा रेलवे, ऑटो मोबाइल्स सेक्टर के साथ साथ अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सैन्य उपकरणों के निर्यात का काम तेजी से कर रहा है।
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यन्त्र इंडिया लिमिटेड के निदेशक ने किया निरीक्षण
जानकारी के अनुसार, वायआईएल को मिले 5.56 इंसास अलाल्ट राईफल के बुलेट की आपूर्ति का एक्सपोर्ट आर्डर, वायआईएल आटोमोबाईल क्षेत्र के लिए कास्टिंग कंपोनेंट जैसे गैर-रक्षा उत्पादों के निर्माण की ओर अग्रसर है। यहां निरीक्षण के लिए पहुंचे ए.एन. श्रीवास्तव ने उत्पादन अनुभागों और वर्कशॉप का न सिर्फ निरीक्षण किया, बल्कि यहां बनाए जा रहे रक्षा उत्पादों में खासकर लघु शस्त्रों के इस्तेमाल में आने वाले कारतूस, तोप में इस्तेमाल होने वाले कार्टिज केस और एक्स्ट्रुटेड और डाई कास्ट कंपोनेंट के बारे में भी जानकारी ली।
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बैठक में दिए गए जरूरी दिशा-निर्देश
यहां उन्होंने न सिर्फ कपिंग शाप में ब्रास कप के निर्माण के लिए 8 इम्प्रेशन टूल ब्लॉक मशीन का उद्घाटन किया। साथ ही, टूल ब्लाक मशीन तैयार करने वाली कर्मचारियों की तकनीकी विशेषज्ञ टीम की सराहना की। इस दौरान उन्होंने निर्माणी प्रबंधन के अधिकारियों के साथ साथ अनुभाग प्रमुखों की प्रोड्क्शन संबंधी समीक्षा बैठक के दौरान जरूरी दिशा निर्देश भी दिए।
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