जानकारी के अनुसार, लीलाबाई पति संतराम कुम्हार निवासी बिजौरी थाना बड़वारा रक्षाबंधन पर मायके विजयराघवगढ़ थाना इलाके के ग्राम धबैया गई थी। 12 अगस्त को पति संतराम धबैया पहुंचा और खुद के ऊपर पेट्रोल डालकर खुद को आग लगा लिया और आग की लपटों से घिरा हुआ पत्नी से लिपट गया, जिसमे वो भी गंभीर रूप से झुलस गई। घर पर मौजूद रिश्तेदारों ने किसी तरह आग बुझाई। गंभीर रूप से झुलसे दोनों को जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। मंगलवार की रात जिला अस्पताल में उपचार के दौरान लीलाबाई की मौत हो गई। सूचना पर पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर शव पीएम के लिए भेजते हुए मर्ग कायम कर मामले को जांच में लिया है।
मायके जाने से किया था मना
मृतका लीलाबाई की मां गोरी बाई ने बताया कि, उनके पति की मौत चैत्र नवरात्र की नवमीं को हो गई थी। बेटी पिता के मौत पर कजलियां पर्व में दुखी त्योहार से मिलने घर आई थी। इस दौरान और भी कई रिश्तेदार घर पर जुटे थे, तभी इसने वारदात को अंजाम दिया। संतराम बेटी लीलाबाई को मायके जाने से रोकता था। कई दिनों से प्रताड़ित कर रहा है। मायके से दहेज लाने के लिए भी दबाव बना रहा था। कजलियां के दिन अचानक घर पहुंचा, अपने ऊपर आग लगाकर बेटी से लिपट गया और बेटी को जिंदा जलाकर मार दिया। गोरी बाई ने बताया कि दामाद भी गम्भीर रूप से झुलस गया था, जो जबलपुर रैफर हो गया है।