वीडियो देखने के लिए लिंक पर क्लिक करें ट्रस्ट की सहमति से मिली भूमि
गौशाला की भूमि कन्हैया लाल, गिरधारी लाल जैन औषधालय ट्रस्ट के अधीन थी। गुरुदेव की भावनाओं का सम्मान करते हुए ट्रस्टियों ने इस भूमि को क्षेत्र निर्माण के लिए समर्पित कर दिया।
गौशाला की भूमि कन्हैया लाल, गिरधारी लाल जैन औषधालय ट्रस्ट के अधीन थी। गुरुदेव की भावनाओं का सम्मान करते हुए ट्रस्टियों ने इस भूमि को क्षेत्र निर्माण के लिए समर्पित कर दिया।
निर्माण कार्य की प्रमुख विशेषताएं
समोशरण मंदिर: 100 बाइ 100 फीट के प्लेटफार्म पर 81 फीट ऊंचे इस मंदिर का निर्माण हो रहा है, इसे तीर्थंकरों के समोशरण की भावना को ध्यान में रखकर तैयार किया जा रहा है।
समोशरण मंदिर: 100 बाइ 100 फीट के प्लेटफार्म पर 81 फीट ऊंचे इस मंदिर का निर्माण हो रहा है, इसे तीर्थंकरों के समोशरण की भावना को ध्यान में रखकर तैयार किया जा रहा है।
नंदीश्वर जिनालय: 75 बाइ 75 फीट परिधि में 101 फीट ऊंचे इस 1008 नंदीश्वर जिनालय में 52 जिनालय और 52 जिनबिम्ब प्रतिमाएं प्रतिष्ठित की जाएंगी। मुख्य मंदिर: 75 बाइ 100 फीट के प्लेटफॉर्म पर 111 फीट ऊंचा मंदिर तैयार किया गया है।
अन्य संरचनाएं: संत निवास, आहार शाला, धर्मशाला और आयुर्वेदिक संस्थान का निर्माण भी तीर्थ का हिस्सा है। हथकरघा और अन्य मानवसेवी योजनाएं भी यहां संचालित की जाएंगी। पुलिस लाइन में चोरों ने की नाइट गस्त, पांच मकानों के तोड़े ताले, जेवर सहित नकद पार
समाज के योगदान से साकार हो रहा सपना
इस परियोजना में समाज के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं, जैसे संतोष कुमार मालगुजार, प्रमोद कुमार, मगन जैन, प्रमोद जैन, अन्य की महत्वपूर्ण भूमिका है। पंचायत महासभा के अध्यक्ष संजय जैन, डॉ. संदीप जैन, विनी जैन पीयूष ने भी निर्माण में योगदान दिया।
इस परियोजना में समाज के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं, जैसे संतोष कुमार मालगुजार, प्रमोद कुमार, मगन जैन, प्रमोद जैन, अन्य की महत्वपूर्ण भूमिका है। पंचायत महासभा के अध्यक्ष संजय जैन, डॉ. संदीप जैन, विनी जैन पीयूष ने भी निर्माण में योगदान दिया।
अंतिम चरण में निर्माण
मंदिरों और अन्य संरचनाओं का निर्माण कार्य अपने अंतिम चरण में है। इस तीर्थ के पूर्ण होने पर यह न केवल जैन समाज के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक आदर्श तीर्थ स्थल बन जाएगा। यह परियोजना आध्यात्मिकता के साथ-साथ जनकल्याण की भावना का प्रतीक है।
मंदिरों और अन्य संरचनाओं का निर्माण कार्य अपने अंतिम चरण में है। इस तीर्थ के पूर्ण होने पर यह न केवल जैन समाज के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक आदर्श तीर्थ स्थल बन जाएगा। यह परियोजना आध्यात्मिकता के साथ-साथ जनकल्याण की भावना का प्रतीक है।
मकरानी के हैं कारीगर
मकरानी राजस्थान के मुख्य कारीगर फैज मोहम्मद के नेतृत्व में शमोशरण मंदिर का भव्य निर्माण 12 कारीगरों द्वारा किया जा रहा है। 5 माह से काम चल रहा है। एक माह से अधिक का और वक्त लगेगा।
मकरानी राजस्थान के मुख्य कारीगर फैज मोहम्मद के नेतृत्व में शमोशरण मंदिर का भव्य निर्माण 12 कारीगरों द्वारा किया जा रहा है। 5 माह से काम चल रहा है। एक माह से अधिक का और वक्त लगेगा।