पुलिस की सुरक्षा में सामने आई फिर बड़ी चूक, जिला अस्पताल के बच्चा वार्ड की घटना, पुलिस ने जिलेभर में जारी किया अलर्ट, नहीं मिली कोई सफलता
कटनी. जिला अस्पताल में हमेशा की तरह एक बार फिर शुक्रवार को पुलिस की बड़ी गंभीर लापरवाही सामने आई है। सुरक्षा में चूक के कारण गांजा तस्कर की आरोपी जिला जेल की विचाराधीन बंदी पारधी महिला अपने एक साल के बच्चे व 6 साल की बच्ची के साथ फरार हो गई। महिला बंदी अपने एक वर्षीय बच्चे के इलाज के लिए अस्पताल में थी। निस्तार का बहाना बनाकर प्रसाधन जाने के बहाने चकमा देकर रफूचक्कर हो गई है।
जानकारी के अनुसार दिललगी पारधी का एक साल के बेटे रोही को कुछ दिनों से सर्दी, जुखाम और बुखार की समस्या था। चिकित्सक की सलाह पर जिला जेल प्रबंधन द्वारा गुरुवार को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। बच्चे की देखभाल के लिए विचारधी महिला भी अपनी 6 वर्षीय बेटी के साथ थी। उसके एक वर्षीय बच्चे की तबीयत खराब होने के कारण जिला अस्पताल में भर्ती कराने का आदेश दिया गया था। सुरक्षा के लिए चार महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी, लेकिन इसके बावजूद शुक्रवार दोपहर लगभग दो से ढाई बजे दिललगी पारधी पुलिस को चकमा देकर भाग निकली।
एमआइसी से पार्षद ने दिया इस्तीफा, महापौर ने कहा एक दिन पहले ही किया मुक्त गांजा तस्करी की है आरोपी जिला अस्पाल से भागने वाली बंद महिला गांजा तस्करी की आरोपी है। 26 नवंबर को कोतवाली पुलिस ने मुख्य रेलवे स्टेशन कटनी जंक्शन के प्लेटफॉर्म क्रमांक पांच के समीप से गिरफ्तार किया था। तलाशी क दौरान दिललगी पारधी पति मेसलाल पारधी (27) व आशियाना पारधी पति विशाल पारधी (24) दोनों निवासी ग्राम बूढ़ा ललितपुर थाना रीठी के पास से 17 लाख 86 हजार 230 रुपए कीमती 1 क्विंटल 18.82 किलोग्राम अवैध मादक पदार्थ गांजा जब्त किया था।
दो महिला पुलिस कर्मी थीं तैनात, सस्पेंड बच्चा वार्ड में जहां पर महिला को रखा गया था उसकी सुरक्षा के लिए लाइन से दो पुलिस कर्मियों को सुरक्षा में तैनात किया गया था। हवलदार धर्मा चौधरी, आरक्षक प्रियंका शुक्ला की ड्यूटी लगाई गई थी। इन दोनों की सुरक्षा में चूक होने के कारण दोनों महिला कर्मचारियों को पुलिस अधीक्षक अभिजीत रंजन से निलंबित कर दिया है। उल्लेखनीय है कि सुबह 10 बजे तक जेल के प्रहरी सुरक्षा में थे। इसके बाद आरआई बल के हैंडोवर कर दिया गया था।
बच्चा वार्ड में किया गया था भर्ती जिला अस्पताल में बंदी व कैदियों के लिए एक अलग से वार्ड बना है, लेकिन बंदी महिला को सामान्य बच्चा वार्ड 212-बी में रखा गया। इसको लेकर प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. राजेंद्र ठाकुर का कहना है कि महिला का बच्चा बीमार होने के कारण उसे बच्चा वार्ड में रखा गया था। दिललगी के बच्चे को सर्दी, खांसी, बुखार था, जिसे भर्ती कराया गया था। महिला कैसे भाग गई, इसका पता लगाया जा रहा है। वार्डों में लगे सभी कैमरे चालू हैं। यदि कोई बंद है तो उसे ठीक कराया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट से नगर निगम को बड़ी राहत, राजीवगांधी काम्पलैक्स मामले में SLP सबमिट पुलिस के होश फाख्ता, नहीं लगा पाई कोई सुराग जिला अस्पताल से दिललगी के भाग के बाद पुलिस को होश फाख्ता हो गए। तलाश के लिए पुलिस यहां-वहां हाथ पैर मारने लगी। लाइन से निरीक्षक मंजू शर्मा भी बल के साथ जिला अस्पताल पहुंची और जांच की। अन्य पुलिस अधिकारी भी पड़ताल में जुट रहे। महिला की तलाश के लिए पुलिस कप्तान द्वारा टीम तैनात करने की बात कही गई है। शीघ्र ही गांजा तस्कर की आरोपी महिला को गिरफ्तार किए जाने का दावा किया जा रहा है। हालांकि खबर लिखे जाने तक पुलिस महिला का कोई सुराग नहीं लगा पाई।
सीसीटीवी कैमरे की नहीं मिली मदद घटना के बाद जब अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई, तो यह सामने आया कि अस्पताल के कई कैमरे बंद पड़े थे। इससे महिला के भागने का कोई जल्दी सुराग नहीं मिल सका। यह जिला अस्पताल प्रबंधन की बड़ी चूक मानी जा रही है। महिला कैदी के फरार होने की खबर से पुलिस महकमे में हडक़ंप मच गया है। नाकाबंदी के साथ ही आस-पास के क्षेत्रों में सघन जांच अभियान चलाया जा रहा है। यह घटना अस्पताल प्रशासन की लापरवाही को भी उजागर करती है। सवाल उठ रहे हैं कि कैसे पुलिसकर्मियों व सुरक्षाकर्मियों की मौजूदगी के बावजूद महिला कैदी भागने में सफल हो गई। जिला अस्पताल से महिला कैदी का फरार होना पुलिस और प्रशासन दोनों के लिए बड़ी चुनौती बन गया है।
स्पेशल असिस्टेंस फंड 21.82 करोड़ रुपए से संवरेगी मॉडल रोड आदतन लापरवाह है पुलिस, पहले भी हुई घटना जिला अस्पताल सहित अन्य अस्पतालों में तैनात होने वाला जिले के पुलिस बल में बेपरवाही आदत में शुमार हो गई है। बंदियों के भागने की यह कोई पहली घटना नहीं है, कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। दहेज उत्पीडऩ और मरने के लिए विवश करने के आरोप में स्लीमनाबाद थाना क्षेत्र के राखी निवासी संतू भूमिया को 2022 में गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में जिला जेल भेजा गया था। बीमार होने पर उसे जिला अस्पताल कटनी में भर्ती किया गया। गंभीर रूप से बीमार होने पर उसे जबलपुर मेडिकल रेफर किया गया, 28 अक्टूबर को बाथरूम गया और आपताकालीन खिडक़ी से भाग निकला था, हालांकि पुलिस ने उसे दबोच लिया था। इस लापरवाही पर रक्षित केंद्र से प्रधान आरक्षक दिनेश रजक, आरक्षक अमित सिंह, जयंत कोरी एवं राजेश काछी की ड्यूटी मुलजिम उपचार के दौरान सुरक्षा के लिए लगाई गई थी लेकिन बंदी इनकी अभिरक्षा से फरार हो गया था। मामले में लापरवाही पाए जाने पर एसपी ने चारों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था।
वर्जन जिला अस्पताल से बच्चों को लेकर भागी गांजा तस्कर की आरोपी का अभी सुराग नहीं लगा है। सुरक्षा में तैनात दोनों कर्मचारियों की लापरवाही पाए जाने पर निलंबित कर दिया गया है। आरोपी को पकडऩे के लिए टीमों को तैनात कर किया गया है। शीघ्र ही गिरफ्तारी की जाएगी।
अभिजीत रंजन, एसपी।
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