इस पूरे मामला की प्रशासन व परियोजना द्वारा जांच कराई जा रही है। एनएचएआई के साइड इंजीनियर हेमंत गौतम, प्रबंधक तकनीक आशीष करियाल को भी नोटिस जारी किया गया है। जांच में जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। परियोजना निदेशक आनंद प्रसाद ने कहा कि पूर्व की तरह ही ससम्मान पूर्वक प्रतिमा का अनावरण कराया जाएगा। सौंदर्यीकरण किया जाएगा। इस मामले में सांसद ने कहा है कि मूर्ति का विस्थापन सौंदर्यीकरण के साथ अच्छे से किया जाए। राष्ट्र एवं समाज के निर्माण में योगदान देने वाले महापुरूषों की प्रतिमा के साथ इस प्रकार की असंवेदनशीलता स्वीकार नहीं की जाएगी।
80 मीटर दूर स्थापित की प्रतिमा
प्रोजेक्ट डायरेक्टर एनएचएआई ने बताया कि चाका बायपाप में जहां पर प्रतिमा स्थापित थी, वहां से 80 मीटर दूरी पर जिला प्रशासन द्वारा चिन्हित स्थान पर प्रतिमा स्थापित कराई गई है। सौंदर्यीकरण के बाद आगे का काम होगा। बात दें कि सडक़ बनाने वाली कंपनी द्वारा गंभीर लापरवाही बरती गई है। निर्माण कार्य के दौरान अवैध खनन, नियमों का माखौल उड़ाते हुए निर्माण करने के साथ ही अब पूर्व केंद्रीय मंत्री के साथ बेकद्री की गई है।
स्व. माधवराव सिंधिया की प्रतिमा के साथ की गई बेकद्री के बाद राजनीति गरमा गई है। इस मामले में जहां बड़वारा-शहडोल सांसद के प्रतिनिधि पद्मेश गौतम ने कलेक्टर को पत्र लिखकर स्माकर संरक्षित करने मांग की है तो वहीं यूथ कांग्रेस जिलाध्यक्ष अंशु मिश्रा ने असामान्य तरीके से स्थापित की गई प्रतिमा को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। सम्मान से प्रतिमा स्थापित करने मांग की है।