इस्तीफा देने के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए पूर्व विधायक ध्रुव प्रताप सिंह ने कहा कि वो 1992 जिस राम मंदिर के लिए जेल गए थे, उन्हीं से कांग्रेस के गांधी परिवार ने दूरी बना रखी है। जिसके बाद से ही उनका कांग्रेस से मोह भंग हो गया था। यही कारण है कि उन्होंने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी को अपना इस्तीफा भेज दिया है। वहीं कांग्रेस की इच्छा शक्ति को लेकर ध्रुव प्रताप सिंह ने कहा कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हालत खराब है और उन्होंने अपनी इच्छा शक्ति खो दी है। बता दें पूर्व विधायक ध्रुव प्रताप सिंह कांग्रेस से विधायक तो रहे ही हैं, साथ ही जिलाध्यक्ष और विकास प्रधिकरण के अध्यक्ष जैसे बड़े पदभार भी संभाल चुके हैं।
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हालांकि उन्होंने विधानसभा चुनाव से पहले ही कांग्रेस में शामिल होते हुए सदस्यता ग्रहण की थी, लेकिन राम मंदिर से कांग्रेस के राष्ट्रीय स्तर के नेताओं की दूरी बनाएं रखने से ध्रुव प्रताप सिंह काफी नाराज चल रहे थे। जिन्होंने राम मंदिर से जुटी बात पर कहा कि 1992 में कार्यसेवकों का दल अयोध्या जा रहा था। उन रामभक्तों की मदद के करने पर वो 4 दिन सेंट्रल जेल में बंद थे।
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आपको ये भी बता दें कि सोमवार की दोपहर में ही कांग्रेस के दो दिग्गज नेता और पूर्व विधायक अरुणोदय चौबे और पन्ना से पूर्व विधायक शिवदयाल शर्मा भी भाजपा में शामिल हुए हैं। दोनों नेताओं को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, मुख्यमंत्री मोहन यादव, नरोत्तम मिश्रा समेत भाजपा के कई नेता मौजूद थे। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के बेटे और पूर्व मंत्री दीपक जोशी भी जल्द ही भाजपा की सदस्यता लेंगे।