इन प्रतिष्ठानों में सुरक्षा उपायों की अनदेखी
शहर के होटल, स्कूल, कॉलेज, लॉज, मैरिज गार्डन, बैंक, धर्मशाला, एटीएम और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में सुरक्षा मानकों का पालन नहीं हो रहा है। अधिकांश स्थानों पर अग्निशमन यंत्र उपलब्ध नहीं हैं, और जहां हैं, वे निष्क्रिय हैं। इन प्रतिष्ठानों में आगजनी रोकने के लिए प्रशिक्षित एक्सपर्ट तक नहीं हैं। प्रशासन की ओर से केवल औपचारिक निरीक्षण किए जा रहे हैं। पत्रिका टीम ने शनिवार को कई स्थानों पर पड़ताल की तो हर जगह मनमानी हावी नजर आई।
शहर के होटल, स्कूल, कॉलेज, लॉज, मैरिज गार्डन, बैंक, धर्मशाला, एटीएम और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में सुरक्षा मानकों का पालन नहीं हो रहा है। अधिकांश स्थानों पर अग्निशमन यंत्र उपलब्ध नहीं हैं, और जहां हैं, वे निष्क्रिय हैं। इन प्रतिष्ठानों में आगजनी रोकने के लिए प्रशिक्षित एक्सपर्ट तक नहीं हैं। प्रशासन की ओर से केवल औपचारिक निरीक्षण किए जा रहे हैं। पत्रिका टीम ने शनिवार को कई स्थानों पर पड़ताल की तो हर जगह मनमानी हावी नजर आई।
आगजनी के खतरे पर विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का कहना है कि आगजनी रोकने के लिए अग्निशमन यंत्र, पानी की व्यवस्था और प्रशिक्षित स्टाफ की अनिवार्यता है। शहर में बढ़ती व्यावसायिक गतिविधियों के बीच इन बुनियादी उपायों की कमी चिंताजनक है। नगर निगम और जिला प्रशासन की उदासीनता सवालों के घेरे में है। कानूनन हर व्यावसायिक प्रतिष्ठान में अग्निशमन यंत्र और सुरक्षा उपकरण अनिवार्य हैं, लेकिन कटनी में इनका पालन सख्ती से नहीं हो रहा। अधिकारियों की ओर से नियमित निरीक्षण और जुर्माने जैसी कार्रवाई का अभाव है, जिससे नियमों की अनदेखी को बढ़ावा मिल रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि आगजनी रोकने के लिए अग्निशमन यंत्र, पानी की व्यवस्था और प्रशिक्षित स्टाफ की अनिवार्यता है। शहर में बढ़ती व्यावसायिक गतिविधियों के बीच इन बुनियादी उपायों की कमी चिंताजनक है। नगर निगम और जिला प्रशासन की उदासीनता सवालों के घेरे में है। कानूनन हर व्यावसायिक प्रतिष्ठान में अग्निशमन यंत्र और सुरक्षा उपकरण अनिवार्य हैं, लेकिन कटनी में इनका पालन सख्ती से नहीं हो रहा। अधिकारियों की ओर से नियमित निरीक्षण और जुर्माने जैसी कार्रवाई का अभाव है, जिससे नियमों की अनदेखी को बढ़ावा मिल रहा है।
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घटना के बाद जागा नगर निगम
बरगवां में बड़ी घटना सामने आने के बाद नगर निगम प्रबंधन जागा है और शनिवार को एडवायजरी जारी है। निगमायुक्त नीलेश दुबे ने घरों एवं ऑफिस में उपयोग होने वाले ऐसे फनऱ्ीचर, दीवार में प्लास्टिक, वुडेन मटेरियल की शीट, फाल्स सीट जो कि ज्वलनशील होती है जिससे आग लगने एवं फैलने की अधिक संभावना बनती है। घरों एवं इमारतों को सुरक्षित रखने के लिए ऐसे ज्वलनशील फर्नीचरों को ऐसे स्थान में ना लगाने की बात कही है जहां आग लगने का खतरा अधिक हो। साथ ही काम करते समय सुरक्षा को हमेशा प्राथमिकता रखने कहा है।
घटना के बाद जागा नगर निगम
बरगवां में बड़ी घटना सामने आने के बाद नगर निगम प्रबंधन जागा है और शनिवार को एडवायजरी जारी है। निगमायुक्त नीलेश दुबे ने घरों एवं ऑफिस में उपयोग होने वाले ऐसे फनऱ्ीचर, दीवार में प्लास्टिक, वुडेन मटेरियल की शीट, फाल्स सीट जो कि ज्वलनशील होती है जिससे आग लगने एवं फैलने की अधिक संभावना बनती है। घरों एवं इमारतों को सुरक्षित रखने के लिए ऐसे ज्वलनशील फर्नीचरों को ऐसे स्थान में ना लगाने की बात कही है जहां आग लगने का खतरा अधिक हो। साथ ही काम करते समय सुरक्षा को हमेशा प्राथमिकता रखने कहा है।
इन बातों का रखें ध्यान
निगमायुक्त ने आग से बचाव एवं सुरक्षा के लिए धूम्रपान वाले स्थलों से ज्वलनशील पदार्थों को दूर रखने, साथ ही उचित वेंटिलेशन सुनिश्चित कर कार्यस्थल में ज्वलनशील वाष्पों के निर्माण को रोकने के लिए पर्याप्त वेंटिलेशन की उपलब्धता, सुरक्षित विद्युत व्यवस्था के लिए बिजली के तारों और उपकरणों का नियमित रूप से निरीक्षण करें जिससे कि किसी भी तरह के नुकसान से बचने के लिए टूटे या ढीले तारों को व्यवस्थित करते हुए तत्काल बदलें। आपातकालीन निकासों को चिह्नित कर हमेशा सुलभ और अनब्लॉक रखें, तीन मंजिल से अधिक भवनों में एक अतिरिक्त निकासी अवश्य बनायें ताकि आपातकालीन स्थितियों में सुरक्षित निकासी हो सके। इन सबके साथ ही जागरूकता के लिए अग्नि सुरक्षा प्रोटोकॉल के बारे में जानकारी रखने और स्वयं व अपने सहकर्मियों को उचित अग्नि रोकथाम उपायों, आपातकालीन प्रक्रियाओं और अग्नि सुरक्षा जोखिम आकलन के बारे में जानकारी प्रदाय करने संबंधी जानकारी दी।
निगमायुक्त ने आग से बचाव एवं सुरक्षा के लिए धूम्रपान वाले स्थलों से ज्वलनशील पदार्थों को दूर रखने, साथ ही उचित वेंटिलेशन सुनिश्चित कर कार्यस्थल में ज्वलनशील वाष्पों के निर्माण को रोकने के लिए पर्याप्त वेंटिलेशन की उपलब्धता, सुरक्षित विद्युत व्यवस्था के लिए बिजली के तारों और उपकरणों का नियमित रूप से निरीक्षण करें जिससे कि किसी भी तरह के नुकसान से बचने के लिए टूटे या ढीले तारों को व्यवस्थित करते हुए तत्काल बदलें। आपातकालीन निकासों को चिह्नित कर हमेशा सुलभ और अनब्लॉक रखें, तीन मंजिल से अधिक भवनों में एक अतिरिक्त निकासी अवश्य बनायें ताकि आपातकालीन स्थितियों में सुरक्षित निकासी हो सके। इन सबके साथ ही जागरूकता के लिए अग्नि सुरक्षा प्रोटोकॉल के बारे में जानकारी रखने और स्वयं व अपने सहकर्मियों को उचित अग्नि रोकथाम उपायों, आपातकालीन प्रक्रियाओं और अग्नि सुरक्षा जोखिम आकलन के बारे में जानकारी प्रदाय करने संबंधी जानकारी दी।
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तत्काल लगाए जाएं अग्निशमन सुरक्षा यंत्र
समस्त भवनों में अग्नि सुरक्षा संबंधी प्रावधान है। 50 से कम पलंग बिस्तर वाले अस्पताल स्वयं पालन कर पंजीकृृत फायर इंजीनियर का प्रमाणीकरण प्रस्तुत करेंगे एवं 50 से अधिक पलंग वाले अस्पताल, 500 वर्गमीटर से अधिक निर्मित क्षेत्रफल वाले भवनों को अग्नि सुरक्षा संबंधी व्यवस्था सुनिश्चित करते हुए फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट प्राप्त किए जाने के लिए नगर निगम द्वारा पूर्व में भी सूचना पत्र जारी किए गए हैं। अस्पताल संचालकों से फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट प्राप्त करने कहा गया है। राष्ट्रीय भवन संहिता में उल्लेखित भवनों में अग्नि सुरक्षा संबंधी प्रावधान अनुसार ऐसे भवन जो 15 मीटर से ऊंचे एक तल पर 500 वर्गमीटर से अधिक निर्मित क्षेत्रफल वाले समस्त भवन (आवासीय एवं धार्मिक, सामुदायिक भवनों को छोडकऱ), कोई भी होटल/अस्पताल जिसमें 50 से अधिक पलंग/बिस्तर हो, 50 से कम पलंग वाले अस्पताल होटल स्वयं पालन कर पंजीकृत फायर इंजीनियर का प्रमाणीकरण प्रस्तुत करेंगे।
तत्काल लगाए जाएं अग्निशमन सुरक्षा यंत्र
समस्त भवनों में अग्नि सुरक्षा संबंधी प्रावधान है। 50 से कम पलंग बिस्तर वाले अस्पताल स्वयं पालन कर पंजीकृृत फायर इंजीनियर का प्रमाणीकरण प्रस्तुत करेंगे एवं 50 से अधिक पलंग वाले अस्पताल, 500 वर्गमीटर से अधिक निर्मित क्षेत्रफल वाले भवनों को अग्नि सुरक्षा संबंधी व्यवस्था सुनिश्चित करते हुए फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट प्राप्त किए जाने के लिए नगर निगम द्वारा पूर्व में भी सूचना पत्र जारी किए गए हैं। अस्पताल संचालकों से फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट प्राप्त करने कहा गया है। राष्ट्रीय भवन संहिता में उल्लेखित भवनों में अग्नि सुरक्षा संबंधी प्रावधान अनुसार ऐसे भवन जो 15 मीटर से ऊंचे एक तल पर 500 वर्गमीटर से अधिक निर्मित क्षेत्रफल वाले समस्त भवन (आवासीय एवं धार्मिक, सामुदायिक भवनों को छोडकऱ), कोई भी होटल/अस्पताल जिसमें 50 से अधिक पलंग/बिस्तर हो, 50 से कम पलंग वाले अस्पताल होटल स्वयं पालन कर पंजीकृत फायर इंजीनियर का प्रमाणीकरण प्रस्तुत करेंगे।
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नवीन भवन के लिए ये हैं प्रावधान
नवीन भवनों में राष्ट्रीय भवन संहिता में निर्धारित मापदंड अनुसार भवन अनुज्ञा प्राप्त करने के प्रस्ताव अनुसार ही प्रस्तावित फायर सेफ्टी प्लान का अनुमोदन अग्नि शमन प्राधिकारी द्वारा जारी किया जाएगा। अनुमोदन उपरांत फायर सेफ्टी प्लान के अनुसार व्यवस्था सुनिश्चित करने के उपरांत ऊर्जा विभाग के नियमों के तहत जारी विद्युत सुरक्षा प्रमाण पत्र प्राप्त करने के पश्चात् भवन के लिए फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा जिसकी अवधि 3 वर्ष रहेगी।
नवीन भवन के लिए ये हैं प्रावधान
नवीन भवनों में राष्ट्रीय भवन संहिता में निर्धारित मापदंड अनुसार भवन अनुज्ञा प्राप्त करने के प्रस्ताव अनुसार ही प्रस्तावित फायर सेफ्टी प्लान का अनुमोदन अग्नि शमन प्राधिकारी द्वारा जारी किया जाएगा। अनुमोदन उपरांत फायर सेफ्टी प्लान के अनुसार व्यवस्था सुनिश्चित करने के उपरांत ऊर्जा विभाग के नियमों के तहत जारी विद्युत सुरक्षा प्रमाण पत्र प्राप्त करने के पश्चात् भवन के लिए फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा जिसकी अवधि 3 वर्ष रहेगी।
ये तय किए गए हैं प्रावधान